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1- तहरीक एक तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को ही पाकिस्तानी तालिबान के नाम से जाना जाता है। टीटीपी का गठन 2007 में पाकिस्तान में व्यक्तिगत रूप से संचालित विभिन्न कट्टरपंथी सुन्नी इस्लामवादी आतंकवादी समूहों के एक संयुक्त संगठन के रूप में किया गया था।
2- टीटीपी अफगान तालिबान के प्रति निष्ठा रखता है। उसका नाम भी अफगान तालिबान से मिलता है, लेकिन वह सीधे उस समूह का हिस्सा नहीं है जो अब पड़ोसी अफगानिस्तान पर शासन करता है। टीटीपी का घोषित उद्देश्य पाकिस्तान में इस्लामी धार्मिक कानून लागू करना है, जैसा कि तालिबान ने अफगानिस्तान में किया है।
3- टीटीपी का मुख्यालय पाकिस्तान के पूर्व के कबायली इलाकों में था, जो लंबे समय से अल कायदा सहित आतंकवादी समूहों के लिए जन्नत था। टीटीपी और दूसरे आतंकवादी समूहों में शामिल आतंकवादी 2001 में अमेरिकी नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद अफगानिस्तान भाग गए थे।
4- टीटीपी पाकिस्तान में कुछ सबसे खूनी हमलों के लिए जिम्मेदार है। इसमें चर्च, स्कूल और मलाला यूसुफजई पर हुआ हमला भी शामिल है। मलाला 2012 के हमले के बाद बाल-बाल बची थीं। उन्हें महिलाओं की शिक्षा से वंचित करने के तालिबान के प्रयासों के खिलाफ अपने अभियान के लिए निशाना बनाया गया था।
5- पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी को खत्म करने के लिए कई अभियान चलाए हैं। 2014 में पाकिस्तानी सेना ने कबायली क्षेत्र में सबसे बड़ा मिलिट्री ऑपरेशन भी लॉन्च किया था। इस दौरान टीटीपी का शीर्ष नेतृत्व लगभग खत्म हो गया था, लेकिन इसके अधिकांश लड़ाके अफगानिस्तान भाग गए और वहां खुद को फिर से संगठित किया।
5- पाकिस्तानी तालिबान में शामिल आतंकवादी 2021 में पश्चिमी ताकतों के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद अफगान तालिबान की जीत से उत्साहित हैं। उनका अगला लक्ष्य पाकिस्तान को एक धार्मिक राष्ट्र में बदलना है, जहां शरिया संविधान से ऊपर होगा।
6- पाकिस्तान ने टीटीपी के साथ शांति वार्ता आयोजित करने का प्रयास किया था। इसके परिणामस्वरूप एक महीने का संघर्षविराम भी हुआ था। इसकी मध्यस्थता अफगान तालिबान ने की थी। यह योजना असफल रही और पिछले साल के अंत में टीटीपी ने पाकिस्तान में हमले फिर से शुरू कर दिए।
7- पाकिस्तान का कहना है कि टीटीपी नेतृत्व के पास अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाने हैं, लेकिन अफगान तालिबान प्रशासन इससे इनकार करता है। टीटीपी के हमलों में वृद्धि ने इस्लामाबाद और तालिबान प्रशासन के बीच तनाव बढ़ा दिया है।
8- टीटीपी के हमले ज्यादातर पाकिस्तान पर केंद्रित होते हैं। टीटीपी के आतंकवादी कबालयी क्षेत्र, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।
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