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क्यों बांग्लादेश को पहले मिली IMF की मदद?
कुगलमैन ने लिखा, ‘आईएमएफ के अधिकारियों ने संकेत दिया कि वे बांग्लादेश के आर्थिक तनाव को खराब नीतियों के बजाय बाहरी संकटों का नतीजा मानते हैं। ढाका ने एक स्थिरीकरण सौदा भी किया है। यह भविष्य में उसे बदतर समस्याओं से निपटने में मदद करेगा। आईएमएफ की कुछ चिंताएं थीं इसलिए उसने तेजी से इस सौदे को अंतिम रूप दिया।’ दरअसल आईएमएफ का मानना है कि बांग्लादेश यूक्रेन युद्ध की वजह से बाधित हुई ग्लोबल सप्लाई चेन जैसे कारकों की वजह से आर्थिक बदहाली का शिकार हुआ है। जबकि पाकिस्तान की कंगाली के लिए राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक कुप्रबंधन जिम्मेदार है।
मुश्किल में भारत का पड़ोसी बांग्लादेश
बांग्लादेश लंबे समय से मुश्किल दौर से गुजर रहा है। पिछले साल से ही देश में बिजली की किल्लत है। लोगों को 13-13 घंटे की लंबी बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। शेख हसीना सरकरा जनता तक खाने-पीने की चीजें पहुंचाकर उनकी मदद कर रही है। दरअसल बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देश कई चीजों के लिए प्राकृतिक ईंधन पर निर्भर हैं। यूक्रेन जंग के बाद सबसे बड़ा असर ईंधन पर ही पड़ा है। लेकिन पाकिस्तान के साथ हालात इससे भी बदतर हैं।
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