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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी होगी। इससे पहले सिर्फ अंग्रेजी में प्रवेश परीक्षा कराने की अधिसूचना पर गुरुवार को छात्रों के विरोध पर शुक्रवार को एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने ‘भूल सुधार’ किया और प्रॉस्पेक्टस में परीक्षा में बदलाव की जानकारी दी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बीएचयू, जेएनयू, डीयू और बाबा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की अधिसूचना जारी की थी।
अधिसूचना के मुताबिक भाषा विषयों को छोड़कर सभी परीक्षाओं का माध्यम अंग्रेजी रखा गया था। बीएचयू सहित अन्य विश्वविद्यालयों में इसका विरोध शुरू हो गया। गुरुवार शाम बीएचयू के छात्रों ने इसके विरोध में प्रतिकार मार्च निकालकर सिंहद्वार पर यूजीसी के चेयरमैन का पुतला फूंका था। शुक्रवार को एबीवीपी की बीएचयू इकाई के सदस्यों ने परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्रा को ज्ञापन सौंपा और सिर्फ अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा कराए जाने का विरोध किया।
व्यापक विरोध को देखते हुए एनटीए की तरफ से भूल सुधार जारी किया गया। एनटीए की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल से जानकारी दी गई कि पीएचडी में प्रवेश के लिए कॉमन श्रेणी के विषयों जैसे वाणिज्य/वित्त, कला एवं संस्कृति, तथा मानविकी के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा हिंदी व इंग्लिश दोनों भाषाओं में होगी। विज्ञान के विषयों की प्रवेश परीक्षाएं केवल अंग्रेजी में होंगी। इसके अलावा मॉडर्न इंडियन लैंग्वेज तथा लिटरेरी स्टडीज की परीक्षा अंग्रेजी में कराई जाएगी।
एनटीए ने आगे स्पष्ट किया कि परीक्षा में कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। प्रवेश परीक्षा देश के 97 शहरों में सीबीटी मोड में जाएगी। ऑनलाइन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 8 सितंबर है। नए नियमों में यह भी कहा गया है कि भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों में लागू आरक्षण नीति का पालन किया जाएगा।
एनटीए की तरफ से भूल सुधार जारी होने के बाद छात्रों ने मिठाइयां बांटकर जश्न भी मनाया। इधर, बीएचयू के परीक्षा नियंता प्रो. एनके मिश्रा ने बताया कि प्रवेश के दौरान ली जा रही कमिटमेंट फीस मूल फीस में समायोजित की जाएगी।
जिन उम्मीदवारों ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2023 के लिए पहले ही पंजीकरण करा लिया है, वे 9 सितंबर को खुलने वाली सुधार विंडो के दौरान विषयों को बदल सकेंगे। उम्मीदवार 11 सितंबर तक एनटीए आवेदन पत्र को एडिट कर सकेंगे।