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भारत में मौजूदा वक्त में 4G और 5G नेटवर्क उपलब्ध हैं। यह एक फ्रिक्वेंसी बैंड्स होते हैं। भारत में हाई, मिडियम लो तीन तरह के फ्रिक्वेंसी 5G बैंड्स मौजूद हैं। लो-बैंड फ्रिक्वेंसी बैंड्स की स्पीड 4G के मुकाबले थोड़ी ज्यादा होती है। हालांकि मिड फ्रिक्वेंसी बैंड में 4G के मुकाबले 10 गुना ज्यादा स्पीड मिलती है। जबकि हाई फ्रिक्वेंसी बैंड्स की स्पीड नॉर्मल 4G के मुकाबले में काफी ज्यादा होती है।
फोन में मिलते हैं 13 5G
अगर भारत की बात करें, तो फिलहाल भारत में मिड-फ्रिक्वेंसी बैंड्स मौजूद हैं। ऐसे में स्मार्टफोन में मिड-रेंज 5G बैंड्स का होना जरूरी है। भारत में सबसे ज्यादा मिड-बैंड के दो बैंड्स N77 और N78 मौजूद हैं। हालांकि अगर फोन में ज्यादा 5G बैंड्स मौजूद हैं, तो उस स्मार्टफोन में फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलने की ज्यादा संभावना रहती है। इस वक्त मार्केट में एक स्मार्टफोन में अधिकतम 13 5G बैंड्स दिए जा रहे हैं।
कितने 5G बैंड्स वाला फोन है बेस्ट
साधारण शब्दों में कहें, तो जिस फ्रिक्वेंसी बैंड को उपलब्ध कराया जा रहा है और अगर उस फ्रिक्वेंसी बैंड को सपोर्ट करने वाले 5G बैंड्स आपके स्मार्टफोन में मौजूद हैं, तो आपका अगर दो फ्रिक्वेंसी बैंड भी आपके फोन में मौजूद है, तो आपके लिए 2 फ्रिक्वेंसी बैंड वाला स्मार्टफोन खरीदना बेस्ट फैसला होगा। लेकिन फिर भी अगर फोन में ज्यादा फ्रिक्वेंसी बैंड होते हैं, तो संभव है कि अलग-्अलग लोकेशन पर भी आपके स्मार्टफोन में अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी।
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