नई दिल्ली: गृह युद्ध के शिकार अफ्रीकी देश सूडान से 561 भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। इनमें से 360 भारतीयों को लेकर एक विमान, अब से थोड़ी देर पहले जेद्दाह से दिल्ली पहुंचा है। सऊदी अरब के जेद्दाह में भारत ने कंट्रोल रूम बनाया है। सूडान में फंसे भारतीयों को निकालकर पहले जेद्दाह ही पहुंचाया जा रहा है। बता दें कि सूडान में गृह युद्ध के बीच करीब तीन हज़ार भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए भारत, ऑपरेशन कावेरी चला रहा है। इसके लिए इंडियन एयरफ़ोर्स के दो विमान और नेवी के दो जहाज़ों को लगाया गया है जो सूडान के बंदरगाह शहर पोर्ट सूडान पहुंच रहे भारतीयों को निकालकर, सऊदी अरब पहुंचा रहे हैं।
गृह युद्ध के बीच से भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी
आज सूडान में फंसे 135 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स का एक C-130 J विमान सऊदी अरब जेद्दाह शहर पहुंचा था। इससे पहले एक और C-130J विमान ने, 148 भारतीयों को पोर्ट सूडान से जेद्दाह पहुंचाया था। कल, पोर्ट सूडान से 278 भारतीय नागरिकों को नौसेना के जहाज़ INS सुमेधा से जेद्दाह पहुंचाया गया था। सूडान से सुरक्षित वापस लौटे भारतीयों ने कहा कि वो जिन हालात में फंसे थे उनमें से जिंदा वापस लौटना ही बहुत बड़ी बात है। भारत सरकार ने जिस तरह से उनकी मदद की वो दुनिया के बड़े बड़े देश नहीं कर पाए।
सऊदी अरब की मदद…ऑपरेशन कावेरी सफल
सूडान से लौटे एक भारतीय नागरिक ने बताया, यहां जो अरेंजमेंट किया गया है वो बहुत अच्छा था। यहां का मैनेजमेंट बहुत अच्छा था, बिल्कुल घर जैसा लग रहा था। बस भगवान का शुक्रिया कि हमें ज़िंदा यहां पहुंचा दिया. भारतीय सेना और मैनेजमेंट का बहुत बहुत आभार। एक दूसरे भारतीय नागरिक ने कहा, ”मैं सऊदी अरब में भारत सरकार और दूतावासों के इंतजामों की तारीफ करता हूं। उन्होंने बहुत शानदार व्यवस्था की थी। पोर्ट सूडान के रास्ते बाहर निकाले जा रहे लोगों के लिए अच्छी व्यवस्था है। हमें इससे ज्यादा सुविधा नहीं मिल सकती थी। बहुत शुक्रिया”
ऑपरेशन कावेरी
बता दें कि सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स का आपस में युद्ध हो रहा है। 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लोग घरों में कैद हैं, कई दिन से उन्हें खाना नहीं मिला है ऐसे हालत में वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन विदेश मंत्रालय नेवी और एयरफोर्स की मदद से इस काम को जिस तरह से अंजाम दे रहा है वो काबिले तारीफ है।