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PM मोदी ने फ्रांस टूर से पहले UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए ठोका भारत का दावा

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PM मोदी ने फ्रांस टूर से पहले UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए ठोका भारत का दावा

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए जोरदार वकालत करते हुए कहा है कि, ‘जो अब दुनिया सबसे अधिक आबादी वाला देश है, उसे अपना सही स्थान फिर से हासिल करने की जरूरत है.’ पीएम मोदी ने फ्रांसीसी प्रकाशन लेस इकोस के साथ एक साक्षात्कार में यह बात कही. उनसे प्रश्न पूछा गया, ‘आप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत करते रहे हैं. क्या इस परिप्रेक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता दांव पर है?’

इसके जवाब में भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुद्दा सिर्फ विश्वसनीयता का नहीं है, बल्कि इससे भी बड़ा कुछ है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पूरी दुनिया के लिए आवाज उठाने का दावा कैसे कर सकती है, जब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला और सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत, इसका स्थायी सदस्य नहीं है?.’ उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बदली हुई विश्व व्यवस्था के अनुरूप नहीं होने वाली संस्था की असंगति का प्रतीक है.

भारत की UNSC में भूमिका को लेकर ज्यादातर देश सहमत हैं: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘इसकी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) विषम सदस्यता से निर्णय लेने की प्रक्रिया अपारदर्शी हो जाती है, जो आज की चुनौतियों से निपटने में इसकी असहायता को बढ़ाती है. मुझे लगता है कि अधिकांश देश इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क्या बदलाव देखना चाहते हैं, जिसमें भारत की भूमिका भी शामिल है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी यह विचार साझा किया है. हमें दुनिया की आवाज सुननी चाहिए.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फ्रांस के लिए उड़ान भरने से पहले दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर फ्रांसीसी मीडिया से बात की, जहां वह शुक्रवार को बैस्टिल दिवस समारोह में सम्मानित अतिथि होंगे. उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, अद्वितीय सामाजिक और आर्थिक विविधता के साथ, हमारी सफलता (संयुक्त राष्ट्र में भारत को स्थायी सदस्यता) यह प्रदर्शित करेगी कि डेमोक्रेसी डिलीवर कर सकती है. विविधता के बीच सद्भाव का अस्तित्व संभव है. साथ ही, इंटरनेशल सिस्टम और इंस्टीट्यूशंस की यह स्वाभाविक अपेक्षा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को उचित स्थान मिलना चाहिए.’

ग्लोबल साउथ और वेस्ट के बीच भारत की भूमिका एक ब्रिज की: PM मोदी
प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ और वेस्ट के बीच एक ब्रिज के रूप में भारत की भूमिका पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से अस्वीकार कर दिया गया है. परिणामस्वरूप, ग्लोबल साउथ के सदस्यों में पीड़ा की भावना है, कि उन्हें कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जाता है, लेकिन जब निर्णय लेने की बात आती है तो उन्हें जगह नहीं मिलती है, कि वे अपने लिए आवाज उठाएं. ग्लोबल साउथ की लोकतंत्र की सच्ची भावना का सम्मान नहीं किया गया है.’

पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अक्सर कही गई अपनी टिप्पणी के बारे में भी विस्तार से बताया कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं’ है. उन्होंने दुनिया, विशेषकर ग्लोबल साउथ पर इसके प्रभाव के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, संघर्ष अवश्य खत्म होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है. मैंने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. हमने दोनों पक्षों (रूस और यूक्रेन) से बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है. मैंने उनसे कहा कि भारत सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है.’

भारत का इतिहास युद्ध और किसी को गुलाम बनाने का नहीं रहा: PM मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद करें. हमारा मानना ​​​​है कि सभी देशों का दायित्व है कि वे अन्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें.’ भारत की सॉफ्ट पावर पर पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा इतिहास कभी युद्ध और किसी को पराधीन बनाने का नहीं रहा. बल्कि योग, आयुर्वेद, अध्यात्म, विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान रहा है. हम हमेशा वैश्विक शांति और प्रगति में योगदानकर्ता रहे हैं.’ इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या वह ‘पश्चिमी मूल्यों’ को सार्वभौमिक मानते हैं या अन्य देशों को अपना रास्ता स्वयं बनाना चाहिए, पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया तभी प्रगति करती है जब वह पुरातनपंथी और पुरानी धारणाओं को छोड़ना सीखती है.’

Tags: France, PM Modi, UNSC

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