PM Kisan Yojna: पीएम-किसान लाभार्थियों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट आई है। अप्रैल-जुलाई 2022 में यह संख्या जहां 10.47 करोड़ के साथ शिखर पर थी, वहीं, कुछ ही महीनों में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 8.12 करोड़ हो गई है। इससे अगली किस्त पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि सरकार ने इसकी भरपाई के लिए संकल्प यात्रा निकाल 34 लाख लोगों को ऐड किया है। यह यात्रा 26 जनवरी तक जारी रहेगी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इसका उद्देश्य उन किसानों तक पहुंच है, जिन्होंने अभी तक इसका लाभ नहीं उठाया है। योजना से जुड़ने वाले नए किसानों में सबसे अधिक यूपी से 8.50 लाख लोग हैं।
इस महीने के शुरुआत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा को बताया था कि जुलाई 2022 तक पीएम किसान लाभार्थियों की संख्या 10.47 करोड़ के साथ टॉप पर थी लेकिन, एक साल के भीतर लाभार्थियों की संख्या में 20 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इसी साल 15 नवंबर को भारत संकल्प यात्रा में 34 लाख लाभार्थियों को जोड़ा गया। इसमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक – 8.50 लाख, इसके बाद राजस्थान से 2.39 लाख, मणिपुर से 2.27 लाख, झारखंड से 2.2 लाख और महाराष्ट्र से 1.89 लाख किसान शामिल हैं।
26 जनवरी तक चलेगी संकल्प यात्रा
लोकसभा चुनाव से छह महीने पहले 15 नवंबर को शुरू की गई यह यात्रा 26 जनवरी तक चलेगी और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी इच्छित लाभार्थियों को सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत कवर किया जाए। पिछले वित्तीय वर्ष में योजना के लाभार्थियों की घटती संख्या को देखते हुए पीएम-किसान में 34 लाख से अधिक किसानों को शामिल किया जाना महत्वपूर्ण है। इस साल अगस्त-नवंबर में यह और भी गिरकर 3 साल के निचले स्तर पर आ गया है। योजना को लागू करने वाले केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जनवरी 2024 में विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंत तक किसान लाभार्थियों की कुल संख्या 8.75 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। एक सूत्र ने बताया कि जिन किसानों ने अब तक योजना का लाभ नहीं उठाया है, उसे जोड़ना महत्वपूर्ण है।
अगली किस्त कब
15 नवंबर को पीएम-किसान योजना के तहत 8.12 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये की किस्त प्राप्त हुई थी। लाभार्थियों की सूची में अब जोड़े गए नए 34 लाख किसानों को 2023-24 वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले पीएम-किसान की अगली किस्त दी जाएगी।
बढ़-घट रही लाभार्थियों की संख्या
सरकार द्वारा संसद में पेश किए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई 2022 में लाभार्थियों की संख्या 10.47 करोड़ के साथ शिखर पर थी। इसके बाद इसमें गिरावट आई है। अगस्त में यह संख्या 8.57 करोड़ हो गई। नवंबर और दिसंबर-मार्च 2022-23 में 8.12 करोड़ रही। इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान यह मामूली बढ़कर 8.57 करोड़ पहुंची, लेकिन अगस्त-नवंबर में फिर घटकर 8.12 करोड़ रह गई दिसंबर-मार्च 2019-20 में यह आंकड़ा 8.09 करोड़ था।
किसानों को मिलने वाली रकम भी हो रही कम
लाभार्थियों की संख्या में गिरावट के साथ, पीएम-किसान के तहत धन के वार्षिक वितरण में भी गिरावट आई है। 2021-22 में यह 67,121 करोड़ रुपये के शिखर पर था और 2022-23 में गिरकर 58,258 करोड़ रुपये हो गया। इस वित्त वर्ष में 22 नवंबर तक सरकार 38,660 करोड़ रुपये बांट चुकी है। चालू वित्त वर्ष के लिए दिसंबर से मार्च के बीच की अंतिम किस्त देय है। संसद के हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान, तोमर ने पीएम-किसान के तहत धन के वार्षिक वितरण में गिरावट को स्वीकार किया था।
गौरतलब है कि पीएम-किसान लाभार्थी योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में डीबीटी के जरिए तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये मिलते हैं। यह योजना 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई थी। पहली किस्त (दिसंबर-मार्च 2018-19) के समय लाभार्थियों की संख्या 3.03 करोड़ थी।