Thursday, November 7, 2024
Google search engine
HomeNationalPoll: क्या दिल्ली-NCR में प्रदूषण को देखते हुए सरकार को और कठोर...

Poll: क्या दिल्ली-NCR में प्रदूषण को देखते हुए सरकार को और कठोर कदम उठाने चाहिए?


Image Source : PTI FILE
दिल्ली में इन दिनों लगातार जहरीली हवा ही बह रही है।

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी के कारण सोमवार को प्रदूषण का स्तर फिर काफी बढ़ गया। यही वजह है कि सुबह धुंध छाई रही और हवा में घुला जहर साफ नजर आया। हालांकि दिल्ली और आसपास के इलाकों में दीपावली के कुछ दिन पहले ही प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा था, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से इसमें थोड़ी बेहतरी आई थी। शहर में रविवार को दिवाली के दिन आठ वर्षों में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई थी। इंडिया टीवी ने वायू प्रदूषण के मुद्दे पर ही जनता की राय मांगी और जनता ने भी खुलकर जवाब दिए।

कठोर कदमों का समर्थन करती दिखी अधिकांश जनता

प्रदूषण के मुद्दे पर इंडिया टीवी ने अपने पोल में जनता से पूछा था कि ‘क्या दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार को और कठोर कदम उठाने की जरूरत है?’ और ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ का विकल्प दिया था। इंडिया टीवी के इस प्रश्न का 6374 लोगों ने जवाब दिया और उसमें से 88 फीसदी लोगों का मानना था कि सरकार को प्रदूषण को काबू में करने के लिए कठोर कदम उठाने ही होंगे। वहीं, 10 फीसदी जनता ऐसी थी जो कठोर कदम उठाने के समर्थन में नहीं दिखी। इस पोल प्रश्न का जवाब देने वाले 2 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प के साथ जाना बेहतर समझा।

India TV Poll News, India TV Poll Latest, Delhi NCR News

Image Source : INDIA TV

अधिकांश लोगों का मानना है कि सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए।

दिल्ली में पिछले काफी समय से बुरा है हवा का हाल

बता दें कि दिल्ली में हवा का हाल पिछले काफी समय से बुरा है और यह लगातार ‘खराब’ से ‘गंभीर’ के बीच झूल रही है। AQI शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। शहर में 28 अक्टूबर से दो सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ तक रही और इस अवधि के दौरान राजधानी में दमघोंटू धुंध छाई रही।

पटाखों पर बैन एक बार फिर रहा बेअसर

पिछले तीन वर्षों के रुझान के देखते हुये दिल्ली ने राजधानी के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की थी। दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को पीएम 2.5 के 35 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। सोमवार को इसके 22 फीसदी और मंगलवार को 14 फीसदी रहने के आसार हैं। वहीं, गाड़ियों का धुएं का दिल्ली की खराब हवा में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान रहा।

Latest India News





Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments