Home National Potato Farming: आलू के बंपर उत्पादन के लिए किसान यूज करें यह किस्म, पाला और झुलसने से भी नहीं होगा कोई नुकसान

Potato Farming: आलू के बंपर उत्पादन के लिए किसान यूज करें यह किस्म, पाला और झुलसने से भी नहीं होगा कोई नुकसान

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Potato Farming: आलू के बंपर उत्पादन के लिए किसान यूज करें यह किस्म, पाला और झुलसने से भी नहीं होगा कोई नुकसान

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हाइलाइट्स

रबी के सीजन में बोई जाती है आलू
आलू के उत्पादन के लिए उपयोग करें कुफरी पुखराज किस्म
उत्तर भारत मे सर्वाधिक उपयोग होती है यह किस्म

Potato Farming: आलू का उपयोग पूरे साल किया जाता है. इससे जहां कई तरह के लजीज पकवान बनते हैं. वहीं सब्जियों (Vegetables) में भी यह खूब उपयोग किया जाता है. आलू (Potato) रबी सीजन (Rabi Season) की फसल (Crops) मानी जाती है. यह नकदी फसल है. बाजार में इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, लेकिन इसका उत्पादन (Production)सिर्फ सर्दियों में किया जाता है. यही कारण है कि किसान (Farmers) आलू की ऐसी किस्मों को ढूंढ़ते हैं जो एक सीजन में ही बेहतरीन उत्पादन दें.

भारत का आलू न सिर्फ देश में बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) की मांग को भी पूरा करता है. ऐसे में आज हम आपको इसके ऐसी किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जो कम समय मे आलू का अच्छा उत्पादन (Production) दे. आलू के ज्यादा उत्पादन के लिए इसके कुफरी पुखराज किस्म को बोने की सलाह दी जाती है. आज हम आपको इस किस्म के फायदे बताएंगे साथ ही इसके उत्पादन से संबंधित अन्य जानकारी भी देंगे.

क्यों लोकप्रिय है आलू की कुफरी पुखराज किस्म
किसानों को आलू का उत्पादन बढ़ाने के लिए आलू के कुफरी पुखराज किस्म को बोने की सलाह दी जाती है. यह किसानों के लिए बहुत लाभकारी है. आलू की यह किस्म उत्तर भारत में बेहद मशहूर है. आलू की यह किस्म कम समय में ज्यादा उतपादन देती है. आईसीएआर (ICAR) का दावा है कि इस फसल में कीट या कोई रोग लगने की संभावना बहुत कम है.

देशभर के ज्यादातर किसान कुफरी पुखराज किस्म की आलू से ही व्यवसायिक खेती करते हैं. इस किस्म को उगाने से लेकर भंडारण और निर्यात भी बहुत आसान है. विशेषज्ञों के अनुसार इस फसल में पाला और झुलसने जैसी मौसमी घटनाओं का कुछ खास फर्क नहीं पड़ता. इसमें सबसे खास बात ये है कि यह आलू बुआई के 100 दिनों के अंदर ही तैयार हो जाती है. ICAR की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2021-22 में कुफरी पुखराज किस्म से सालाना 4,729 करोड़ के आर्थिक लाभ का अनुमान है.

उत्तर भारत में 80 फीसदी तक बोई जाती है यह किस्म
बताया गया कि सर्द तापमान वाले हर इलाके में कुफरी पुखराज किस्म के आलू की खेती की जा सकती है. हालांकि आईसीएआर (ICAR)के एक्सपर्ट्स के अनुसार उत्तर भारत में आलू उत्पादन पर कुफरी पुखराज किस्म की 80 फीसदी दावेदारी है. इसकी खेती उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, असम, बिहार, छतीशगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर की जाती है.

Tags: Agriculture, Farming, Farming in India, India agriculture

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