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Prayagraj Shootout: उमेश पाल हत्याकांड के दस दिन हो गए हैं। पुलिस ने दावा किया है कि सभी शूटरों की पहचान हो गई है। उन पर इनाम भी हो गया है। आरोपियों की तलाश में यूपी से बिहार तक छापामारी चल रही है, लेकिन अभी तक उस शूटर का नाम सामने नहीं आया है, जिसने उमेश पाल को पहली गोली मारी थी। उमेश पाल के गाड़ी से उतरते ही वह सामने आया। उसने उमेश पाल व गनर पर गोलियों की बौछार कर दी थी।
24 फरवरी की शाम जैसे ही उमेश पाल अपने घर के पास पहुंचे कि अचानक से हमलावरों ने गोलियों और बमों की बौछार कर दी थी। सीसीटीसी फुटेज से एक आरोपी को छोड़कर सभी की पहचान हो चुकी है। उमेश की गाड़ी रुकते ही सबसे पहले सिपाही बाहर आता है। उसके बाद पीछे के गेट से उमेश पाल गाड़ी से बाहर निकलते हैं। उसी वक्त एक सदरी पहने हुए शूटर ने हमला किया। सबसे पहले इसी शूटर ने गोलियां चलाई थीं। उसके फायरिंग करते ही दुकान के अंदर बैठे शूटर गुलाम ने मोर्चा संभाला। वह पिस्टल से फायरिंग करने लगा। गोली लगने से जख्मी उमेश पाल और गनर राघवेंद्र गली की ओर भागते हैं। तभी अतीक के बेटे असद की इंट्री होती है। वह उमेश पाल को गली में जाते हुए देख दौड़ाकर गोली मारता है।
असद के सामने आते ही पीछे से साबिर रायफल लेकर पहुंचा और गाड़ी में बैठे उमेश पाल के दूसरे गनर पर गोलियों की बौछार कर देता है। तभी गुड्डू मुस्लिम एक झोले में बम लेकर पहुंचता है। बमबाजी शुरू कर देता है। इस बीच उमेश पाल और उसके दोनों गनर को गोलियों से छलनी कर देते हैं।
बैकअप के लिए हेलमेट पहनकर अरमान पहुंचा और गोलियां चलाता है। गुलाम फिर आने बढ़ता है और अतीक का बेटा वारदात को अंजाम देकर पीछे लौटता है। पहली गोली मारने वाले की पहचान अब तक नहीं हुई। पुलिस के एक अफसर ने कहा कि फुटेज से उनकी पहचान कर ली गई है। नाम उजागर करने पर ऑपरेशन में असर पड़ेगा।