
आजकल जिस तरह की जीवनशैली और खानपान की आदतें लोग अपनाने लगे हैं, उस वजह से काफी लोगों को क्रोनिक कब्ज की समस्या रहने लगी है. जब आप कम पानी पीते हैं, फाइबर से भरपूर खाना नहीं खाते, फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होती है, कुछ दवाओं के सेवन, पाचन तंत्र में गड़बड़ी, अधिक तेल-मसालेदार, मैदा, जंक फूड्स, फास्ट फूड्स के सेवन से कब्ज होता है. कब्ज (Constipation) में आंतों से जमा सख्त मल बहुत जोर लगाने पर धीरे-धीरे बाहर निकलता है. ऐसे में कई बार काफी देर तक टॉयलेट में बैठना पड़ जाता है. क्रोनिक कब्ज होने पर आपको कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं. आप भी कब्ज से परेशान हैं. सुबह आपका पेट साफ नहीं होता है, तो प्रेमानंद जी महाराज से जान लें कब्ज का ये रामबाण इलाज.
कब्ज क्यों होती है?
प्रेमानंद जी कहते हैं कि जब आप लिवर की क्षमता से अधिक भोजन करते हैं, तेल-मसाले, गरिष्ठ भोजन करते हैं, कब्जियत पैदा करने वाला भोजन करेंगे तो यह समस्या होगी ही. ऐसे में रेगुलर एक्सरसाइज जरूरी है. दो से तीन किलोमीटर चलना बेहद जरूरी है. फिर चाहे आप ट्रेड मिल पर या फिर बाहर तेजी से दौड़ें. सिर्फ 20 मिनट आप प्रतिदिन ये काम कर लें. आपके शरीर को एक्टिव रहना जरूरी है. शरीर को पसीना आना चाहिए.
प्रेमानंद जी ने बताए कब्ज से छुटकारा पाने के रामबाण तरीके
-काफी लोग कब्ज से ग्रस्त रहते हैं. सुबह जब पेट सही से साफ नहीं होता है तो सारा दिन चिड़चिड़ापन महसूस होता है. पेट फूला सा रहता है. प्रेमानंद जी महाराज ने कब्ज दूर करने के लिए बेहद ही आसान सा नुस्खा बताया है. प्रेमानंद जी कहते हैं कि आपका पेट यदि साफ नहीं होता है तो आप ब्रह्मचर्य नहीं रह सकते हैं. आपको हमेशा उदर विकार (Abdominal disorder) बना रहेगा. इससे नींद, आलस्य, चिड़चिड़े स्वभाव, प्रमाद पर आप कभी भी सफलता हासिल नहीं कर सकते हैं. पेट की समस्याएं जब बनी रहेंगी, पेट सही से साफ नहीं होगा तो आपका भजन में भी मन नहीं लगेगा. कब्ज ठीक नहीं होगा तो कई अन्य रोगों के होने की संभावना रहेगी. आप अंदर से विक्षिप्त रहेंगे. अशांति सी महसूस होगी.
-कब्ज से बचना है तो सरल, सहज, सादा सामान्य भोजन करें.दाल, सब्जी, सलाद खाएं. घर का बना भोजन करें. पकवान, पूड़ी, कचौड़ी, गरिष्ठ भोजन,सब्जी और जितनी भी बाजार की चीजें हैं, उनका सीधा संबंध कब्ज से होता है. ये कब्ज बनाएंगे ही. आजकल लोग एक-दो घंटे भी शारीरिक श्रम नहीं करते, ऐसे में उनमें पावर नहीं रह जाता है. आप सिर्फ शरीर के अंदर लादते, भरते चले जा रहे हैं. बस समय से खाते रहना है. यदि कब्ज है तो भोजन छोड़ दीजिए. जबरदस्ती भरते न जाएं.
-वे कहते हैं कि आप आधे उदर को अन्न से भरें, आधे में आधा जल और आधा वायु के लिए छोड़ दीजिए. पूरा गले तक भरने की जरूरत नहीं है. इसी से एसिडिटी, कब्ज की समस्या बनती है. ध्यान रखें कि आपको एक्सरसाइज करना ही है, फिर चाहे 10 मिनट के लिए क्यों न करें. दो से तीन किलो मीटर पैदल चलिए.
-प्रत्येक शरीर को प्रतिदिन 3 लीटर जल चाहिए. इससे शरीर की गर्मी निकलती है और कब्ज तोड़ने में भी मदद मिलती है. सुबह बिना कुल्ला, स्नान आदि किए पहला जल ग्रहण करना चाहिए. यदि आप 500 ग्राम भी गुनगुना जल सुबह लेते हैं तो शौच में लाभ होता है. पानी इतना गर्म हो कि आप वज्रासन में बैठकर आराम-आराम से पी सकें. आपका कब्ज दूर होगा. जो कब्ज से परेशान हैं, वे प्रतिदिन शाम में गर्म पानी या गर्म दूध में एक चम्मच इसबगोल की भूसी महीनों, सालों ले सकते हैं.