नई दिल्ली:
Prostate Cancer: ब्रिटेन के राजा चार्ल्स को हाल ही में बढ़े हुए प्रोस्टेट या प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के इलाज के दौरान कैंसर की जानकारी हाथ लगी है. जबकि इस बीमारी के प्रकार और स्टेज अभी भी राज बने हुए हैं.किंग की हेल्थ कंडिशन ने आम जनता के बीच प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जानने के लिए मजबूर कर दिया है. इस बारे में शाही महल की ओर से जानकारी दी गई है. 50 साल की आयु के बाद पुरुषों में प्रोस्टेट का बढ़ना या प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया एक आम समस्या है और यह एक गैर-कैंसर वाला कंडिशन वाला है. प्रोस्टेट पुरुषों में प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है. बढ़े हुए प्रोस्टेट का लक्षण हैं बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने में परेशानी और मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न कर पाना.
टेस्टरोन में सेल बढ़ने से होती है
इस बीमारी के दौरान प्रोस्टेट ग्रंथि अचानक बढ़ने लगता है. ये मूत्राशय के नीचे स्थित एक अखरोट के आकार की ग्रंथि है, जो मूत्रमार्ग के आसपास होती है. यह इज़ाफ़ा प्रोस्टेट ग्रंथि के भीतर कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप होता है, जिससे इसका विस्तार होता है.यह बढ़ोतरी प्रोस्टेट ग्रंथि के भीतर कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करने लगता है. जिसकी वजह से ये परेशानी होती है. बाद में बीमारी बढ़ने के साथ ही ये और फैलने लगाता है.
रिप्रोडक्टिव सिस्टम में काम
इस बीमारी के बारे में वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स मीरा रोड के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट और रीनल ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. आशुतोष बघेल का कहना है कि बेनिगन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) बुढ़े पुरुषों में एक सामान्य सी घटना है.ये प्रोस्टेट ग्रंथि के गैर-कैंसरयुक्त में बढ़ोतरी करता है.प्रोस्टेट, मूत्रमार्ग के आसपास एक अखरोट के आकार की ग्रंथि, ये रिप्रोडक्टिव सिस्टम में काम में पुरुष प्रजनन कार्य में अहम भूमिका निभाती है. जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, हार्मोनल चेंज होता है. इसके बाद ये प्रोटेस्ट अचनाक किसी वजह से बढ़ने लगता है जो बाद में प्रोटेस्ट कैंसर का रूप ले लेता है.