Home World Qatar Indian Navy: इजरायल का नाम लेकर भारत के पूर्व नौसैनिकों को क्‍यों फंसा रहा कतर, जानें क्‍या है सीक्रेट पनडुब्‍बी कनेक्‍शन

Qatar Indian Navy: इजरायल का नाम लेकर भारत के पूर्व नौसैनिकों को क्‍यों फंसा रहा कतर, जानें क्‍या है सीक्रेट पनडुब्‍बी कनेक्‍शन

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दोहा:कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ रिटायर अधिकारी अपने वतन कब वापस लौटेंग, कोई नहीं जानता। पिछले साल अगस्‍त से इन पूर्व नौसैनिकों ने बाहर की दुनिया नहीं देखी है। कतर ने इन अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी का आरोप लगाया है। वेबसाइट द प्रिंट की एक रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ये अधिकारी कतर के सीक्रेट पनडुब्‍बी प्रोग्राम की जानकारी हासिल कर रहे थे। कतर ने इटली से हाई टेक पनुडब्बियां खरीदी हैं और इसकी जानकारी को वह छिपाकर रख रहा है। भारत में इनके परिवारवाले खासे परेशान हैं और वो लगातार सरकार से इसमें हस्‍तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। भारत के तमाम कोशिशों के बाद भी कतर इन पूर्व भारतीय नौसैनिकों को छोड़ नहीं रहा है।

मई में होनी है सुनवाई
29 मार्च को इन आठ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी और अब अगली सुनवाई मई में होगी। फिनकैंटिएरी एसपीए, इटली के ट्राएस्टे स्थित एक डिफेंस कंपनी है। इस कंपनी को साल 2021 में दो पनडुब्बियां, कतर की नौसेना को सौंपने का ऑर्डर मिला था। कतर इस कॉन्‍ट्रैक्‍ट के साथ ही खाड़ी का वह पहला देश बन जाता जिसके पास पनडुब्‍बी की क्षमता होगी। कतर ने इसके साथ ही चार कोवर्ट्स और एक हेलीकॉप्‍टर कैरियर का ऑर्डर भी दिया था। इस ऑर्डर का मकसद कतर की नौसेना को शक्तिशाली बनाना है।India Missile China: भारत की प्रलय- सागरिका मिसाइलों से घबराया चीन, ड्रैगन ने किया खास हथियार का टेस्‍ट, जानें क‍ितना खतरनाक
कतर जिद पर अड़ा
सूत्रों की मानें तो दोहा में मौजूद कतर के इंटेलीजेंस अधिकारियों को यह भरोसा दिलाने की कोशिशें की गई हैं कि भारत या इसके नागरिकों ने कभी कतर के दुश्‍मनों के लिए जासूसी नहीं की है। लेकिन कतरी अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इस बात की पूरी इंटेलीजेंस है कि उनके पनडुब्‍बी कार्यक्रम की जानकारी इजरायल को दी गई है। कतर की राष्‍ट्रीय सुरक्षा और इंटेलीजेंस एजेंसी का दावा है कि उन्‍होंने ऐसी इलेक्‍ट्रॉनिक कम्‍युनिकेशन को इंटरसेप्‍ट किया है जिसके जरिए ये नेवी ऑफिसर्स पनडुब्‍बी प्रोग्राम की जासूसी में लगे थे। हालांकि इस बात का कोई भी सबूत भारत के साथ शेयर नहीं किया गया है।

कौन-कौन से ऑफिसर

कमांडर पुरेन्‍दु तिवारी की को साल 2019 में उनकी सेवाओं के लिए प्रवासी भारतीय सम्‍मान से भी सम्‍मानित किया गया था। उनके अलावा नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सुगुनकर पाकला, संजीव गुप्ता, अमित नागपाल, सौरभ वशिष्ठ और रागेश गोपकुमार पिछले साल से ही जेल में हैं। ये सभी रिटायर ऑफिसर हैं। इन आठों ऑफिसर्स से कतर की नौसेना को ट्रेनिंग के लिए संपर्क किया गया था।

बताया जा रहा है कि इनमें से एक पूर्व अधिकारी सुगुनकर पाकला के पास पनडुब्‍बी का प्रोजेक्ट का अनुभव भी। वह साल 2016 से 2018 तक विशाखापट्टनम स्थित हिन्‍दुस्‍तान शिपयार्ड में एडीशनल जनरल मैनेजर के पद पर रह चुके हैं। दिसंबर 2022 में विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि इस मसले पर नजर रखी जारी है और इसे प्राथमिकता का मामला बताया गया है।भारत ढूढ़ रहा ‘सफेद सोना’ तो पाकिस्‍तान इस्‍लाम के अपमान करने वालों को कर रहा तलाश, पाकिस्‍तानी प्रोफेसर ने धो डाला
पनडुब्‍बी का डिजाइन सीक्रेट
नई पीढ़ी की जो पनडुब्बियां बन रही हैं उसे CABI Cattaneo कंपनी की तरफ से बर्गामो में बनाया जा रहा है। अभी तक इनके डिजाइन को सार्वजनिक नहीं किया गया है। साल 2021 में इटली के रक्षा मंत्रालय की तरफ से जरूर कंपनी की तरफ से इनकी डिजाइन के बारे में बताया गया था। कंप्‍यूटर बेस्‍ड ग्राफिक्‍स के जरिए इन पनडुब्बियों के बारे में जानकारी दी गई थी। कतर द्वारा पनडुब्बियों की खरीद भारत और इजरायल दोनों के लिए ही बुरी खबर है।

पाकिस्तानी नौसेना पहले ही इटली की एक कंपनी की बनी कॉसमॉस-श्रेणी की छोटी पनडुब्बियों को ऑपरेट कर रही है। इन पनडुब्बियों का प्रयोग भारतीय नौसेना सुविधाओं के खिलाफ स्‍पेशल फोर्सेज के ऑपरेशंस में किया जाता है। कतर के पाकिस्तान सशस्त्र बलों के साथ मजबूत रिश्‍ते हैं। पाकिस्‍तान और कतर के बीच भी काफी एक करीबी संबंध हैं। इजरायल ने काफी समय से मिडिल ईस्‍ट में एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजी के प्रसार को रोकने की कोशिश की है।



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