Friday, March 21, 2025
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Rajasthan के छह जिलों की 10 लोकसभा सीटों को 15 दिन में कवर करेगी यात्रा


हाइलाइट्स

राज्य की 10 लोकसभा और 60 विधानसभा क्षेत्रों को भारत जोड़ो यात्रा से कर सकते हैं कनेक्ट
मेवाड़, वागड़ और हाड़ौती संभाग में तीन सौ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी यह यात्रा
गुजरात के पोरबंदर से शुरू होने के बाद करीब 25-30 दिन में राजस्थान में होगी यात्रा की एंट्री
पीएम मोदी, जेपी नड्डा और शाह की लगातार सभाओं का जवाब होगी राहुल की भारत जोड़ो यात्रा

एच. मलिक

उदयपुर. राजस्थान में इस साल के अंत का विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने हैं. बीजेपी पीएम मोदी की सभाओं के जरिए माहौल बना रही है. इसके जवाब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा का पार्ट-2 (Bharat Jodo Yatra 2.O) जल्द ही पोरबंदर से शुरू करेंगे. यह यात्रा इस बार भी राजस्थान से होकर गुजरेगी. राहुल गांधी आदिवासियों के जरिए राजस्थान को छूना चाहते हैं. इसके चलते 10 लोकसभा और 60 विधानसभा सीटों को भारत जोड़ो यात्रा कनेक्ट कर सकती है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण भारत के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यात्रा को लेकर देशभर में सुर्खियां बनीं. भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को 136 दिन बाद राजस्थान समेत 14 राज्य का सफर करते हुए श्रीनगर में समाप्त हुई.

राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा 2.0 के लिए तैयार
एक बार फिर राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा 2.0 के लिए तैयार हो रहे हैं. इस बार यात्रा पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के पोरबंदर से शुरु हो सकती है. दरअसल, पोरबंदर महात्मा गांधी की जन्मस्थली है और पश्चिमी भारत का अंतिम छोर भी है. कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से बापू की विरासत से लोगों को जोड़ना चाहती है. आजादी से पहले गुजरात के समुद्र तट से ही महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की थी. इसके अलावा गुजरात में पिछले लगभग 3 दशक से भाजपा सत्ता में है. ऐसे में पोरबंदर से यात्रा शुरू करने का सियासी महत्त्व भी है.

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राजस्थान में छह जिलों में 300 किमी तय करेगी यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा के पार्ट-2 के लिए एआईसीसी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके तहत जल्द ही यात्रा की तिथि, किन राज्यों से गुजरेगी, उनमें रूट कौन सा होगा, इस पर मंथन हो रहा है. ऐसी संभावना है कि यात्रा 15 अगस्त या 2 अक्टूबर से शुरू हो सकती है. इतना तय है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए यात्रा राजस्थान में कम से कम चार से छह दक्षिणी जिलों में तीन सौ किमी से ज्यादा के क्षेत्र को कवर करेगी. पूरी यात्रा का रूट करीब 3,400 से 3,600 किलोमीटर लंबा होगा.

दक्षिणी राजस्थान में कमजोर रही है कांग्रेस 
राजस्थान में चुनावी माहौल को देखते हुए राहुल गांधी आदिवासी वोटर्स को साधने और दक्षिणी राजस्थान में कांग्रेस को मजबूती देने का प्रयास करेंगे. उनका यह दौरा राजस्थान की करीब 10 लोकसभा और 60 विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस करते हुए फाइनल किया जाएगा. इसमें प्रदेश के दक्षिणी जिलों को रूट मैप में शामिल किया जाएगा. इनमें दक्षिण राजस्थान के सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बारां आदि को शामिल किए जाने की ज्यादा संभावना है. वागड़ इलाके में पिछले चुनाव में कांग्रेस को 16 में से तीन सीट ही मिली थी. मेवाड़ की 28 सीटों की स्थिति की देखे तो इस चुनाव में बीजेपी को15 और कांग्रेस को 10 सीटें मिलीं.

राजस्थान रूट के लिए तीन विकल्पों पर मंथन
यात्रा गुजरात के पोरबंदर से शुरू होकर अहमदाबाद पहुंचेगी. अहमदाबाद के बाद रूट के तीन विकल्पों पर मंथन हो रहा है. इसके तहत अहमदाबाद के बाद यात्रा उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़ होते हुए मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी और फिर छत्तीसगढ़ जाएगी. इन तीनों राज्यों में विधानसभा के चुनाव इसी साल होने हैं. दूसरे रूट में यात्रा गोधरा-दाहोद के रास्ते से राजस्थान में प्रवेश कर सकती है और बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ होते हुए मध्यप्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ पहुंचेगी. तीसरे विकल्प में यात्रा पोरबंदर से सीधे माउंट आबू होते हुए उदयपुर, डूंगरपुर व बांसवाड़ा के बाद रतलाम से मध्यप्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ जाएगी. छत्तीसगढ़ से यात्रा पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, असम होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक जाएगी.

आदिवासी बहुल इलाकों से राजस्थान की नब्ज टटोलेंगे
राहुल गांधी ने अपनी पहली भारत जोड़ो यात्रा में भी आदिवासी, दलितों और पिछड़ों की समस्याओं और राजनीतिक आकांक्षाओं पर बात की थी. वे अक्सर कहते हैं कि आदिवासियों को बीजेपी वनवासी (वन में रहने वाले) कहती है, जबकि वे उस स्थान के मूल निवासी (आदिकाल से रहने वाले) हैं. ऐसे में राहुल गांधी राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों को छूना चाहते हैं, ताकि वे राजस्थान की राजनीति पर अपनी बात रख सकें. प्रदेश की करीब पांच दर्जन विधानसभा सीटों पर आदिवासी मतदाता प्रभावशाली हैं.

10 लोकसभा और 60 विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस
पिछली बार भारत जोड़ो यात्रा ने मध्यप्रदेश से राजस्थान में प्रवेश किया था. इस बार राजस्थान से मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी. राजस्थान में कांग्रेस 2014 और 2019 में सभी 25 लोकसभा सीटें हार चुकी है. अब राहुल गांधी चाहते हैं कि 2024 की यह तस्वीर बदल जाए. राहुल यात्रा के जरिए प्रदेश की 10 लोकसभा और करीब 60 विधानसभा सीटों को प्रभावित कर सकते हैं. राजस्थान में उदयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली, जालोर-सिरोही जैसे 10 लोकसभा क्षेत्रों में आदिवासी पहले, दूसरे या तीसरे नंबर के सबसे बड़े मतदाता हैं.

राजस्थान में पंद्रह दिन से ज्यादा रहेगी यात्रा
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अवकाश सहित रोजाना करीब 23-25 किलोमीटर तक पैदल चलने का रूटीन रहता है. राजस्थान में यह यात्रा जिस भी रूट से प्रवेश करे, लेकिन करीब 300 किलोमीटर का सफर तो तय करेगी. इसे पूरा होने में लगभग 15-18 दिन लगेंगे. राजस्थान का बॉर्डर पोरबंदर से करीब 600 किलोमीटर दूर है. यात्रा शुरू होने के बाद राजस्थान पहुंचने में करीब 25-30 दिन का समय लगेगा. अगर राहुल गांधी 15 अगस्त से यात्रा शुरू करते हैं तो सितंबर में और दो अक्टूबर से शुरू करते हैं तो दिवाली से पहले यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी.

बीजेपी तिकड़ी की सभाओं का जवाब होगा यह यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह का लगातार राजस्थान पर फोकस है. पिछले लगभग 10 महीनों में ये नेता जयपुर, भरतपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, अजमेर, जोधपुर, बांसवाड़ा, सीकर, हनुमानगढ़, दौसा में सभाएं कर चुके हैं. इसमें राज्य की कांग्रेस सरकार पर जबरदस्त निशाने साधे हैं. अब कांग्रेस भी राहुल गांधी की यात्रा से बीजेपी को राजनीतिक हमलों का करारा जवाब देगी. इस यात्रा की जिम्मेदारी सीएम गहलोत सहित प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को सौंपी जा सकती है.

Tags: Assembly election, Bharat Jodo Yatra, Congress leader Rahul Gandhi, Udaipur news



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