Friday, March 14, 2025
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Ravi Yoga 2023: अप्रैल में कब है रवि योग? शनि-सूर्य पूजा का बना संयोग, 3 आसान उपायों से ग्रह दोष होंगे दूर


हाइलाइट्स

रवि योग की गणना शुभ योग में होती है.
29 अप्रैल को रवि योग के अलावा गण्ड योग और वृद्धि योग भी बन रहे हैं.

रवि योग की गणना शुभ योग में होती है. इस बार 29 अप्रैल दिन शनिवार को रवि योग बन रहा है. दोपहर से लेकर पूरी रात तक रवि योग रहेगा और अगले दिन सूर्योदय पूर्व तक यह योग बना रहेगा. इस दिन शनिवार को सूर्य और शनि की पूजा का संयोग बना है. रवि योग में सूर्य देव का प्रभाव अधिक होता है. इस वजह से यह एक प्रभावशाली योग भी है. यह योग सूर्य की ऊर्जा से युक्त होता है, इस वजह से आप जो भी कार्य रवि योग में करते हैं, उसके सफल होने की संभावना अधिक होती है. इस योग में कार्य के दौरान कोई अनिष्ट नहीं होता है. यह बाधाओं को दूर करके शुभ फल प्रदान करने वाला योग है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि रवि योग कब से कब तक है और इस योग में सूर्य-शनि दोष से मुक्ति के क्या उपाय कर सकते हैं.

रवि योग 29 अप्रैल 2023 मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 29 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से रवि योग का प्रारंभ हो रहा है और अगले दिन 30 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. 29 अप्रैल को वैशाख मा​ह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. अष्टमी तिथि शाम 04 बजकर 01 मिनट तक है. उसके बाद से नवमी तिथि का प्रारंभ होगा.

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29 अप्रैल 2023 को गण्ड और वृद्धि योग भी
29 अप्रैल को रवि योग के अलावा गण्ड योग और वृद्धि योग भी बन रहे हैं. गण्ड योग को अशुभ माना जाता है, जबकि वृद्धि योग शुभ कार्यों के लिए अच्छा है. गण्ड योग प्रात:काल से लेकर सुब​ह 10 बजकर 32 मिनट तक है, उसके बाद से वृद्धि योग शुरू होगा. जो पूरे दिन है.

शनिवार का शुभ मुहूर्त
शनिवार का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 12 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो कर सकते हैं.

शनि और सूर्य पूजा का संयोग
29 अप्रैल को शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए समर्पित है और रवि योग सूर्य पूजा के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसे में आप शनिवार को सूर्य और शनि की पूजा रवि योग में कर सकते हैं. पिता और पुत्र की पूजा करने से शनि दोष और सूर्य दोष से मुक्ति पा सकते हैं.

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सूर्य-शनि दोष मुक्ति के उपाय
1. रवि योग में सूर्य देव को पानी में लाल चंदन, गुड़ और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें. उस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें. चाहें तो सूर्य बीज मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. इससे आपकी कुंडली का सूर्य दोष दूर हो जाएगा.

2. शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर छाया दान करें. इससे शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है.

3. 29 अप्रैल को रवि योग में काले तिल और गेहूं का दान करें. काला तिल शनि देव और गेहूं सूर्य देव के लिए है. ऐसा करने से आपकी कुंडली का सूर्य दोष और शनि दोष दूर हो सकता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha



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