
रेपो रेट में बढ़ोतरी से होम लोन की किस्त पर कितना असर होगा, यह बचे हुए टेन्योर पर निर्भर करता है। अगर किसी ने इस साल मार्च में 30 लाख रुपये का लोन 20 साल की अवधि के लिए सात फीसदी ब्याज पर लिया है तो उसकी किस्त अब 9.25 फीसदी हो जाएगी। यानी उसकी किस्त 23,258 रुपये से बढ़कर 27,387 रुपये पहुंच जाएगी। यानी उसकी किस्त 17.75 फीसदी बढ़ जाएगी। अगर टेन्योर 30 साल है तो ईएमआई करीब 23 फीसदी बढ़ जाएगी। शॉर्ट टेन्योर वाले लोन पर कम असर होगा। उदाहरण के लिए अगर टेन्योर 10 साल है तो ईएमआई में केवल 9.96 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
टेन्योर बढ़ाना चाहिए या किस्त
बैंक होम लोन का टेन्योर कर्ज लेने वाली के रिटायरमेंट के हिसाब से तय करते हैं। अगर टेन्योर बढ़ाना संभव न हो तो कर्ज लेने वाले के पास दो विकल्प होते हैं। वे किस्त बढ़ा सकते हैं या प्रिंसिपल अमाउंट को कम करने के लिए एकमुश्त राशि दे सकते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर आप बढ़ी हुई किस्त देने में सक्षम हैं तो आपको टेन्योर आगे बढ़ाने से बचना चाहिए। अगर आपके पास फंड उपलब्ध है तो आपके लोन का कुछ हिस्सा प्री-पेमेंट कर सकते हैं।
अगर आप हर साल लोन बैलेंस का पांच फीसदी चुकाते हैं तो आप 20 साल का लोन 12 साल में चुका देंगे। अगर हर साल एक अतिरिक्त किस्त देते हैं तो आप इसे 17 साल में चुका देंगे। इसी तरह अगर आप हर साल किस्त में पांच फीसदी की बढ़ोतरी करते हैं तो आप 13 साल से भी कम समय में लोन चुकता देंगे। लोन की किस्त में सालाना 10 फीसदी की बढ़ोतरी से आपका लोन 10 साल में चुकता हो जाएगा।