74th Republic Day: भारत आज यानी 26 जनवरी 2023 को अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस खास अवसर पर पूरे देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 26 जनवरी एक ऐसा दिन है, जो देश का राष्ट्रीय पर्व है। देश का हर नागरिक चाहे वह किसी धर्म, जाति या संप्रदाय से ताल्लुक रखता हो, इस दिन को राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत होकर मनाता है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी मुख्य होंगे अतिथि
गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि होंगे। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मंगलवार (24 जनवरी) को भारत पहुंचे थे। यह पहली बार है कि मिस्र के किसी राष्ट्रपति को इस आयोजन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
भारत की तीनों सेनाएं दिखाएंगी अपनी ताकत
आज भारत की तीनों सेनाएं अपनी ताकत दिखाएंगी। वायुसेना के 50 विमान पराक्रम दिखाएंगे। पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ से होकर गुजरेगी। गणतंत्र दिवस परेड के लिए भारतीय वायु सेना के मार्चिंग दल का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी करेंगी। इसके अलावा, कई मार्चिंग दस्ते ऐसे होंगे, जिसमें सिर्फ महिलाएं होंगी। खास बात ये है कि गणतंत्र दिवस की परेड में सेना के अलावा डीआरडीओ और पूर्व सैनिकों की झांकी भी शामिल होंगी।
पहली बार होगा ऐसा
इससे पहले इस जगह को राजपथ के नाम से जाना जाता था। पहली बार होगा जब रिपब्लिक-डे की परेड देखने के लिए सबसे पहली लाइन में VVIP नहीं होंगे। इस बार पहली पंक्ति में रिक्शा चालक, फुटपाथ के दुकानदार, कर्तव्य पथ को विकसित करने वाले मजदूर और उनके परिजन बैठेंगे। भारत सरकार ने इन्हें श्रमजीवी का नाम दिया है। इससे पहले, हमेशा रिपब्लिक-डे परेड की पहली पंक्ति VVIPs के लिए रिजर्व होती थी। Central Vista Project में काम करने वाले मजदूरों को भी सम्मानित किया जाएगा।
गणतंत्र दिवस के लिए भारत कैसे चुनता है अपना चीफ गेस्ट? दिलचस्प है न्योता देने का इतिहास
कर्तव्य पथ पर दिखेगी भारत की आन बान और शान
इस दिन राजधानी में कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर होने वाले मुख्य आयोजन में भारत की सांस्कृतिक झलक के साथ ही सैन्य शक्ति और परंपरागत विरासत की झांकी पेश की जाती है। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस से पहले किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में लगभग 60,000 से 65,000 लोगों के आने की उम्मीद है।
गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात, असम, जम्मू-कश्मीर, बंगाल व अन्य की झांकियां दर्शकों का मन मोहेंगी
राष्ट्रीय राजधानी के पुनर्निमित कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रंगारंग झांकियां दर्शकों का मन मोहेंगी। अधिकांश झांकियों का विषय ‘नारी शक्ति’ है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दर्शाने वाली कुल 23 झांकियां 26 जनवरी को औपचारिक परेड का हिस्सा होंगी। इन झांकियों में से 17 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तथा छह झांकियां विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की होंगी।
एनसीबी की झांकी भी लेगी हिस्सा
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि गृह मंत्रालय दो झांकी प्रदर्शित करेगा, जिनमें स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की एक-एक झांकी शामिल होगी। अधिकारी के अनुसार, कृषि मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की एक-एक झांकी कर्तव्य पथ पर दर्शकों को आकर्षित करेगी। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भी कर्तव्य पथ पर नजर आएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या रेल मंत्रालय की तरफ से भी कोई झांकी निकाली जाएगी, उन्होंने कहा, “नहीं, इस साल की परेड में रेल मंत्रालय की कोई झांकी नहीं होगी।” अधिकारी ने बताया कि विभिन्न राज्यों द्वारा इस वर्ष अपनाई गई थीम काफी हद तक सांस्कृतिक विरासत और अन्य विषयों के अलावा ‘नारी शक्ति’ है। पश्चिम बंगाल की झांकी में कोलकाता की दुर्गा पूजा को दर्शाया गया है और यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में इसके शामिल होने का जश्न मनाया गया है।
पद्म पुरस्कारों की घोषणा, मुलायम से लेकर मंगलम बिड़ला तक इन्हें मिले पद्म पुरस्कार| देखें पूरी लिस्ट
कुछ ऐसी होंगी अन्य राज्यों की झांकी
असम की झांकी में पौराणिक अहोम सेनापति लचित बोरफुकन और प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर सहित इसके सांस्कृतिक स्थलों को गर्व से दिखाया गया है। पिछले साल राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने के बाद इस ऐतिहासिक पथ में आयोजित यह पहला गणतंत्र दिवस समारोह होगा। फुल ड्रेस रिहर्सल परेड सोमवार को होगी। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले कहा था कि 74वां गणतंत्र दिवस समारोह पुनर्निमित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में होगा और सरकार ने जनता के लिए 32,000 टिकट ऑनलाइन बिक्री के लिए रखे हैं।
इस बीच, चंडीगढ़ से प्राप्त समाचार के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव इस साल के गणतंत्र दिवस परेड के लिए कर्तव्य पथ पर हरियाणा की झांकी का विषय है और इसमें भगवद गीता में वर्णित भगवान कृष्ण की एक “विराट स्वरूप” प्रतिमा को चित्रित किया जाएगा। एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव अमित अग्रवाल ने कहा कि झांकी भगवद गीता का संदेश देगी और महाभारत युद्ध के विभिन्न दृश्यों को भी बारीकी से प्रदर्शित करेगी।
गणतंत्र दिवस परेड के लिए यहां आकर खुशी हुई: मिस्र सैन्य दल के कमांडर
कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए तैयार मिस्र के सैन्य दल के सदस्य भव्य आयोजन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और इसके कमांडर कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देलफत्ताह एल्खारासावी ने बुधवार को भारत और मिस्र के बीच साझा ‘‘महान संबंधों’’ पर जोर दिया। पहली बार, मिस्र के सशस्त्र बलों का एक संयुक्त बैंड और मार्च टुकड़ी औपचारिक परेड में भाग लेंगे। टुकड़ी में 144 सैनिक शामिल होंगे, जो कर्नल एल्खारासावी के नेतृत्व में मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे।
1971 युद्ध में ORS से बचाईं जिंदगियां, जानिए कौन हैं डॉ. दिलीप महालनाबिस, जिन्हें मिला पद्म विभूषण
परेड की पूर्व संध्या पर बातचीत में कर्नल एल्खारासावी और दल के कुछ सदस्यों ने भारत में आने को लेकर खुशी जाहिर की। कर्नल एल्खारासावी ने कहा, ‘‘हम भारत में आकर खुश हैं और यह हमारी पहली यात्रा है। भारत एक महान देश है, और इसकी मिस्र जैसी महान सभ्यता है। हम पिछले कुछ दिनों से यहां हैं और वर्दी में हमारे भारतीय दोस्त भी हमें घर जैसा महसूस कराने में मदद कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि टुकड़ी में हर कोई बृहस्पतिवार को होने वाले भव्य कार्यक्रम का इंतजार कर रहा है, जब ‘‘हमें भी प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।’’