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Republic Day speech in Hindi : 26 जनवरी 2023 को भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस को हर साल बहुत ही उत्साह व भव्यता के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्र को संबोधित करेंगी इसके बाद सेना की विभिन्न टुकड़ियों की परेड आयोजित की जाएगी। इसी दौरान विभिन्न राज्यों व विभागों की सांस्कृतिक झांकियां भी देखने को मिलेंगी। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया था। यानी इसी दिन भारत ने अपने संविधान को अपनाया था। हमारा देश एक गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ था। देश को अपना लिखित संविधान मिला था। इस मौके पर स्कूल-कॉलेजों में कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इनमें गणतंत्र दिवस पर भाषण व निबंध प्रतियोगिताएं भी प्रमुख हैं। यदि आप इंटर कॉलेज या डिग्री कॉलेज के छात्र/शिक्षक हैं और 75 वर्षों में भारत की उपलब्धियों पर भाषण देना चाहते हैं या निबंध लिखना चाहते हैं तो हम आपके इस काम को आसान करने जा रहे हैं। आप यहां दिए जा रहे भारत की उपलब्धियों के 5 मुद्दों पर या किसी एक-दो टॉपिक्स पर भाषण दे सकते हैं।
भारत की उपलब्धियों पर गणतंत्र दिवस भाषण: Republic Day speech in Hindi
1- आर्थिक तरक्की की बात :
भारत जब आजाद हुआ था तब आर्थिक हालात बदतर थे। आजादी के दो दशक बाद तक हालात मुखमरी जैसे थे। लोगों की तरक्की और शिक्षा की बात तो दूर अधिकांश लोगों को पर्याप्त अनाज भी उपलब्ध कराना मुश्किल काम था। लेकिन धीरे-धीरे देश आगे बढ़ा और 1966-67 में हरित क्रांति हुई और देश में अनाज की उपलब्धता बढ़ी। अब 2022 में भारत करीब 50 अरब डॉलर का अनाज व अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात करता है। वहीं आर्थिक तरक्की की बात करें तो 21वीं सदी से पहले भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय से काफी कम थी। 2000 में भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय 97 हजार रुपए सालाना थी जो अब 2022 में करीब डेढ़ लाख रुपए सालाना है।
2- शिक्षा के क्षेत्र में विकास:
आजादी के बाद भारत के पहले गणतंत्र दिवस के वक्त देश की साक्षरता दर 18 फीसदी के करीब थी। यानी 100 लोगों में केवल 18 व्यक्ति ही पढ़-लिख सकते थे। एक निजी संस्था के सर्व के अनुसार 2022 में भारत की औसत साक्षरता दर 77.7 फसदी तक पहुंच गई है। इसमें शहरों की साक्षारता दर ग्रामीण इलाकों से करीब 14 फीसदी ज्यादा है। भारत में साक्षरता दर बढ़ाने में शिक्षा का अधिकार कानून (The Right to Education Act, 2010) को भी जाता है। माना जाता है कि इससे गरीब वर्ग के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा मिलने में आसानी हुई है। इसके साथ ही भारत में शिक्षा का स्तर भी काफी बेहतर हुआ है। यही कारण है कि भारतीय आईआईटीयंस को आज दुनिया नामी कंपनियां अपने यहां मोटा पैकेज देकर हायर कर रही हैं। साथ ही वर्तमान की सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिए शिक्षा की गुणवत्वा व स्किल्स पर जोर दिया है जिसका रिजल्ट आगामी समय में देखने को मिलेगा।
3- अंतरिक्ष में भारत का दबदबा:
आजादी के करीब डेढ़ दशक बाद भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में कहीं नहीं था। 1962 डॉ विक्रम साराभाई के नेतृत्व में भारत सरकार ने एक कार्यक्रम शुरू किया। उस वक्त अंतरिक्ष से जुड़ा यह प्रोग्राम परमाणु ऊर्जा विभाग का हिस्सा था। भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (ISRO) की स्थापना 15 अगस्त 1969 को की गई। इसके बाद इसरो का बनाया हुआ पहला सेटेलाइट आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975 को सोवियत यूनियन (Russia) के रॉकेट द्वारा अंतिरिक्ष में लॉन्च किया गया। इसके बाद से अब तक भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की स्थिति ऐसी है कि इसरो ने 15 फरवरी 2017 को एक ही रॉकेट (PSLV-C37) के जरिए सबसे ज्यादा 104 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजने का कीर्तिमान स्थापित किया। भारत अब आमतौर पर दूसरे देशों के सैटेलाइट भी अपने रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजता है।
4- रक्षा क्षेत्र में भारत :
आजादी के बाद भारत ने तेजी के साथ सैन्य शक्ति को मजबूत करना शुरू कर दिया था। इसका मुख्य कारण था पड़ोदी देश पाकिस्तान और चीन से मिल रहीं चुनौतियां। भारत ने अपनी सेना को मजबूत करने के लिए 1954 में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम शुरू किया। परिणाम स्वरूप 1974 में ‘स्माइलिंग बुद्ध’ (Smiling Buddha) नाम से पहला परमाण टेस्ट किया। आज भारत की सेना को देखें तो परमाणु संपन्न गाइडेड मिसाइन, एंटी मिसाइल रडार सिस्टम, अनेकों ताकतवर पनडुब्बियां, युद्धपोत और राफैल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तक मौजूद हैं। सबसे बड़ी बात है कि भारत अपनी जरूरत का प्रमुख हिस्से के हथियारों का उत्पादन देश में ही करता है। रक्षा क्षेत्र में देश की ताकत बढ़ने के कारण ही भारत की स्थिति दुनिया के सामने सम्मानजनक हुई है।
5- खेल प्रतिस्पर्धाओं में भारत :
अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिष्पर्धाओं में भारत की बात करें तो हॉकी को छोड़कर भारत की उपस्थित नागण्य थी। आजादी के बाद 1948 में हुए लंदन ओलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम ने 4-0 से गोल्ड मेडल जीता था। भारत ने पहला क्रिकेट वर्ल्ड कम 1983 में जीता था। इसके बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत खेल प्रतिस्पर्धाओं में भारत ने पहली बार 2008 में हुए बीजिंग ओलंपिक में 3 गोल्ड मेडल जीते थे। 2022 के कॉमन वेल्थ खेलों में भी भारत ने 22 गोल्ड समेत कुल 61 मेडल जीतकर चौथा स्थान हासिल किया है। इससे पहले 2020 में 48वें ओलंपिक में भारत ने कुल 7 मेडल जीतकर 33वें स्थान पर रहा। 2020 ओलंपिक खेलों में ही नीरज चोपड़ा ने जैवेलिन (भाला फेंक) में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था।
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