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UPSC question on constitution topic: आज देशभर में गणतंत्र दिवस यानी रिपब्लिक डे मनाया जा रहा है। हम सभी जानते हैं, इस दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा का अध्यक्ष होने के नाते संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है। अंबेडकर को ही संविधान का जनक कहा जाता है। वहीं प्रतियोगी परीक्षा में अक्सर संविधान से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। ये एक बहुत ही जरूरी टॉपिक है। जो उम्मीदवार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है, उन्हें संविधान के बारे मे विस्तार से पढ़ना चाहिए। हम आपको उन प्रश्नों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें UPSC CSE की परीक्षा में पूछा गया है।
साल 2016 के प्रश्न UPSC CSE के जनरल स्टडीज पेपर 2 में संविधान से जुड़े प्रश्न पूछे गए थे। जो इस प्रकार है। बता दें, ये प्रश्न साढ़ 12 नंबर के पूछे गए थे। जिनका उत्तर 200 शब्दों से अधिक नहीं देने का निर्देश दिया गया था। अगर आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, तो ये प्रश्न आपके लिए बहुत जरूरी है।
प्रश्न – 69वें संविधान अधिनियम के उन अत्यावश्यक तत्वों और विषमताओं, यदि कोई हों, पर चर्चा कीजिए, जिन्होंने दिल्ली के प्रशासन में निर्वाचित प्रतिनिधियो और उप- राज्यपाल के बीच समाचारों में आए मतभेद को पैदा कर दिया है। क्या आपके विचार में इससे भारतीय परिसंघीय राजनीति के प्रकार्यण में एक नई प्रवृति का उदय होगा?
प्रश्न – भारतीय संबंधिन अनुच्छेद 370, जिसके साथ हाशिया नोट “जम्मू- कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबन्ध” लगा हुआ है, किस सीमा तक अस्थायी है? भारतीय राज्य-व्यवस्था के संदर्भ में इस उपबन्ध की भावी संभावनाओं पर चर्चा कीजिए।
– UPSC MAIN general studies paper 2- डायरेक्ट प्रश्न पत्र देखने के लिए यहां करें क्लिक
सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2023 के लॉ पेपर 1 में संविधान से जुड़े ये प्रश्न पूछे गए थे। बता दें, इन प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में देने का निर्देश दिया गया था। प्रत्येक प्रश्न 10 नंबर के पूछे गए थे।
प्रश्न- “भारतीय संविधान की उद्देशिका (प्रास्तवना) राजनैतिक व्यवस्था द्वारा अनुसरण के लिए अपेक्षित आधारभूत मूल्यों को उपदर्शित करती है। आप इस कथन से कहां तक सहतम है? संविधान की उद्देशिका (प्रास्तवना) में लिपिबद्ध मूल्यों का संदर्भ देते हुए व्याख्या कीजिए।
प्रश्न- “भारतीय संविधान में राष्ट्रपति का पद मुख्यत: ‘नाम मात्र के प्रमुख’ के रूप में परिकल्पित है” इस विषय पर निर्णित वादों के संदर्भ में व्याख्या कीजिए।
– UPSC MAIN Law paper 1- डायरेक्ट प्रश्न पत्र देखने के लिए यहां करें क्लिक