Home World Russia China News: परमाणु हथियार बनाने में चीन की मदद करेगा रूस, ड्रैगन के खतरनाक प्‍लान को मिला पुतिन का साथ!

Russia China News: परमाणु हथियार बनाने में चीन की मदद करेगा रूस, ड्रैगन के खतरनाक प्‍लान को मिला पुतिन का साथ!

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Russia China News: परमाणु हथियार बनाने में चीन की मदद करेगा रूस, ड्रैगन के खतरनाक प्‍लान को मिला पुतिन का साथ!

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मॉस्‍को: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने पिछले दिनों अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई मतलब दुनिया के अलग-अलग विशेषज्ञों ने निकाले। अब जो खबरें आ रही हैं, उस पर अगर यकीन करें तो चीन को अपने परमाणु हथियारों के लिए रूस की मदद मिल सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस, चीन को फास्ट ब्रीडर परमाणु रिएक्टर टेक्‍नोलॉजी देने की योजना बना रहा है। यह योजना अगर अपने अंजाम पर पहुंचती है तो चीन को अपने परमाणु हथियारों को डेवलप करने में बड़ी मदद मिलेगी। साथ ही पश्चिमी देशों के साथ परमाणु हथियारों की रेस में आगे बढ़ने में भी उसे मदद मिलेगी।

चीन को दिया यूरेनियम!
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन और जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के लिए प्लूटोनियम उत्पादन के लिए अनुकूलित फास्ट ब्रीडर परमाणु रिएक्टरों को विकसित करने के लिए दीर्घकालिक समझौते की घोषणा की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2022 में, रूस की कंपनी रोसाटॉम जो न्‍यूक्लियर एनर्जी तैयार करने वाली कंपनी है, उसने चीन के CFR-600 परमाणु रिएक्टर को 25 टन समृद्धित यूरेनियम स्थानांतरित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतने यूरेनियम की मदद से एक साल में 50 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों और अमेरिकी मिलिट्री विशेषज्ञों का अनुमान है कि सीएफआर -600 रिएक्‍टर चीन के परमाणु हथियरों की संख्‍या साल 2035 तक 1500 तक कर देगा। वर्तमान समय में यह 400 ही है।
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चीन और रूस की दोस्‍ती
चीन ने इस आकलन को खारिज कर दिया है। उसकी मानें तो CFR-600 असैन्‍य बिजली ग्रिड से जुड़ा है। उसकी मानें तो 440 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाले इस कार्यक्रम के जरिए वह एक दशक के न्‍यूक्लियर एनर्जी उत्‍पादन में अमेरिका से आगे निकलने की योजना बना रहा है। जिनपिंग ने पुतिन के साथ मीटिंग में ऐलान किया कि चीन की तरफ से रूस को परमाणु सहायता में इजाफा किया जाएगा। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था।
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इस हमले से कुछ समय पहले ही पुतिन चीन के दौरे पर गए थे। यहां पर उन्‍होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग की कोई सीमा नहीं है। दिलचस्‍प बात है कि रूस का न्‍यूक्लियर टेक्‍नोलॉजी निर्यात यूक्रेन जंग के बाद बढ़ा है। माना जा रहा है कि यह उसका एक प्रभावी तरीका है। विशेषज्ञों की मानें तो पश्चिमी देशों की तरफ से जंग की वजह से रूस पर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उसकी भरपाई वह ऊर्जा और हथियारों के निर्यात से कर सकता है।

सबसे बड़ा सप्‍लायर रूस
रूस परमाणु रिएक्टरों और ईंधन का दुनिया का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। चीन के तेज रिएक्टर, जो पानी के बजाय लिक्विड मैटल का प्रयोग करते हैं, मध्यम संचालन के लिए रूसी तकनीक पर आधारित हैं। साल 2022 में ब्रायन कार्लसन की किताब ‘रूस-चाइना रिलेशंस: इमर्जिंग एलायंस ऑर इटरनल राइवल्स’ आई थी। इस किताब के मुताबिक यूक्रेन पर रूस के हमले और इस पर लगे प्रतिबंधों ने दोनों देशों की साझेदारी को पूरी तरह से बदल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन, रूस के ऊर्जा निर्यात के पिछले स्तरों के बराबर जरूरी खरीद करने में असफल रहा है। मगर आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्‍ते कैसे बदलेंगे, यह देखना काफी दिलचस्‍प होगा।

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