Home World Russia in Indian Ocean: हिंद महासागर में महाविनाशक युद्धपोत भेज रहा रूस, पुतिन के ब्रह्मास्‍त्र से है लैस एडमिरल गोर्शकोव, क्‍यों भारत के लिए बैड न्‍यूज?

Russia in Indian Ocean: हिंद महासागर में महाविनाशक युद्धपोत भेज रहा रूस, पुतिन के ब्रह्मास्‍त्र से है लैस एडमिरल गोर्शकोव, क्‍यों भारत के लिए बैड न्‍यूज?

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Russia in Indian Ocean: हिंद महासागर में महाविनाशक युद्धपोत भेज रहा रूस, पुतिन के ब्रह्मास्‍त्र से है लैस एडमिरल गोर्शकोव, क्‍यों भारत के लिए बैड न्‍यूज?

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मॉस्‍को: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में सबसे खतरनाक वॉरशिप को तैनात कर दिया है। यह वॉरशिप हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है। पुतिन ने यूक्रेन में जारी जंग के बीच ही अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए हिंद महासागर पर तैनाती का फैसला किया है। बुधवार को रूसी राष्‍ट्रपति ने एक वीडियो कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित किया। इसी दौरान उन्‍हेंने एडमिरल गोर्शकोव की लॉन्चिंग का ऐलान किया है। इस मौके पर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगू और फ्रिगेट कमांडर इगोर क्रोखमाल भी मौजूद थे। विशेषज्ञ मानते आए हैं कि रूस का हिंद महासागर में आना भारत के लिए अच्‍छी खबर नहीं है।

खतरनाक मिसाइल हिंद महासागर में
पुतिन ने कॉन्‍फ्रेंस के दौरान बताया कि यह जहाज सबसे खतरनाक हाइपरसोनिक जिरकॉन मिसाइल से लैस है। इसके साथ ही उन्‍होंने क्रू को बेहतर सफर के लिए बधाईयां दी हैं। 17 नवंबर 2021 को रूस, इंडिया ओशीन रिम एसोसिएशन (IORA) में डायलॉग पाटर्नर बना था। आईओआरए की शुरुआत साल 1997 में हुई थी। इसका मकसद हिंद महासागर की क्षेत्रीय अहमियत को सामने लाना था। इस संगठन में भारत सबसे बड़ा सदस्‍य है। उसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, ऑस्‍ट्रेलिया, इंडोनेशिया, यूएई और फ्रांस भी इसका हिस्‍सा हैं। कुल 23 देश जहां इसके सदस्‍य हैं तो वहीं 10 डायलॉग पाटर्नर हैं। चीन, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और जर्मनी डायलॉग पार्टनर के तौर पर हैं। पाकिस्‍तान को इससे दूर रखा गया है।
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चीन के रास्‍ते पर रूस
रूस हिंद महासागर पर अपनी मौजूदगी को चीन की तरह ही बढ़ाने में लगा हुआ है। रूसी कंपनियां भी यहां पर पिछले कुछ समय से काफी सक्रिय हैं। रूस ने ऐलान किया था कि वह सूडान के पोर्ट सूडान पर मिलिट्री बेस बनाएगा। यह बेस हिंद महासागर के पश्चिमी हिस्‍से पर है और एक बार शुरू होने के बाद यहां पर उसकी सक्रियता बढ़ जाएगी। चीन की तरह ही रूस भी जिबूती पर एक बेस बनाना चाहता था लेकिन जिबूती ने इसके लिए उसे इनकार कर दिया था। मोजांबिक और मेडागास्‍कर अब रूस के बड़े साझीदार हैं। जिन हिस्‍सों पर चीन सक्रिय है, वहीं अब रूस भी कदम मजबूत कर रहा है। अमेरिका जो हिंद महासागर में भारत का डायलॉग पाटर्नर है, उसके साथ रूस के रिश्‍ते इस समय काफी तनावपूर्ण हैं।
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चीन के साथ करीबी

हिंद महासागर में रूस धीरे-धीरे सक्रिय हो रहा है। अफगानिस्‍तान में रूस की सक्रियता बढ़ रही है और वह पाकिस्‍तान से करीबी बढ़ाने की कोशिशों में लगा है। रूस और भारत कई मसलों पर असहमति रखते हैं और अफगानिस्‍तान उनमें से एक है। चीन के साथ रूस अपनी रणनीतिक साझीदारी को मजबूत कर रहा है। रूस और चीन की मजबूत साझेदारी भारत के हित में नहीं है। वहीं भारत, पाकिस्‍तान और रूस की करीबी से भी थोड़ा परेशान है।

भारत के लिए होगी मुश्किल
रूस और भारत के बीच असहमित का सबसे बड़ा बिंदु है हिंद-प्रशांत क्षेत्र और रूस इसके रणनीतिक ढांचे का समर्थन नहीं करता है। उसका मानना है कि यह संगठन चीन का विरोध करने के लिए बना है। रूस सोचता है कि इंडो-पैसेफिक का मकसद चीन की शक्तियों को नियंत्रित करना है। हिंद महासागर पर रूस के बढ़ते कदम भारत की जटिलताओं को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। भारत और रूस रणनीतिक साझीदार जरूर हैं लेकिन क्‍वाड पर उसका रुख भारत को मुश्किल में डालने वाला है।

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