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लाइफ में हुए बुरे अनुभवों से अक्सर लोग घबरा जाते हैं। नतीजा डिप्रेशन, अवसाद, स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ में समस्याएं होने लगती है। लेकिन लाइफ में हो रहा हर अनुभव एक बड़ी सीख देता है। सद्गुरु कहते हैं कि जब भी लाइफ में कोई चीज अच्छी नहीं होती तो वो मूल्यवान है। उससे हर इंसान को काफी कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए जब भी जिंदगी में कुछ ऐसा अनुभव मिले जो आपके लिए अच्छा नहीं था। तो उसे भूल जाने की बजाय सीख लेनी चाहिए और इस तरह से डील करना चाहिए।
बुरे अनुभवों को भूलना भूल है
सद्गुरु कहते हैं कि अगर लाइफ में हुए बुरे अनुभवों को आप भूल जाते हैं तो आप मूर्ख हैं। क्योंकि जिंदगी में हुए खराब अनुभवों से हमेशा कुछ सीख मिलती है। इसलिए ऐसे अनुभवों को भूलने की गलती नहीं करनी चाहिए। क्योंकि जब आप ऐसी परिस्थितियों को भूल जाते हैं तो संभावना है कि दोबारा से वैसी ही बुरी स्थिति में फंस जाएं।
बुरे अनुभवों को याद रखने के दौरान ना करें ये गलती
-जिंदगी में हुआ हर अनुभव हमें सीख देता है और वो काफी मूल्यवान होता है। ऐसे में सद्गुरु कहते हैं कि बुरे अनुभवों को भूलना गलत है और उन्हें हमेशा याद रखकर उनसे सीखना चाहिए। लेकिन ऐसे बुरे अनुभवों को कैसे डील करें। इस बारे में सद्गुरु कहते हैं।
-बुरे अनुभवों को याद रखने के दौरान कभी भी नाराजगी नहीं जतानी चाहिए। ये नहीं सोचना चाहिए कि ये मेरे साथ क्यों हुआ बल्कि उस बुरे अनुभव से सबक लेना चाहिए।
मेमोरी में रखें वो बात
बुरे अनुभवों को याद करने का मतलब ये नहीं कि उन्हें हमेशा याद किया जाए। लेकिन बस उसे अपनी मेमोरी में रखें, जिससे कि आप दोबारा उन परिस्थितियों में ना फंसे। बिना नाराजगी, गुस्सा या दुख के बस अपने बुरे अनुभव को मेमोरी में रखें और दोबारा उस सिचुएशन में कभी ना फंसे।
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