Saturday, April 19, 2025
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Saraswati Puja 2024 Date: कब मनाई जाएगी सरस्वती पूजा 14 या 15 फरवरी? नोट कर लीजिए शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि


हाइलाइट्स

सरस्वती पूजा इस साल 14 फरवरी को मनाई जाएगी.
इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा लोग विधि अनुसार करते हैं.

Saraswati Puja 2024: हिंदू धर्म में वसंत पंचमी का विशेष महत्व है. इस दिन ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन ही देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए यह शुभ दिन उन्हें समर्पित है. सरस्वती पूजा हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचंमी तिथि को बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है. सभी स्कूल, कॉलेजों में मां सरस्वती की पूजा-उपासना पूरे विधि-विधान से होती है. वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती की जयंती पड़ती है, इसलिए भी इसे सरस्वती पूजा से जाना जाता है. जान लेते हैं इस साल कब की जाएगी फरवरी के महीने में विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

सरस्वती पूजा कब है?
भोपाल के ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री विनोद सोनी पौद्दार कहते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा 14 फरवरी को मनाई जाएगी. दरअसल, इस वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 तारीख को शुरू हो जाएगी, जिसका समय दिन के दो बजकर 41 मिनट है. यह 14 फरवरी को लगभग 12 बजकर 10 मिनट के करीब समाप्त हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि 14 फरवरी होने के कारण इस साल वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा 14 तारीख को होगी.

सरस्वती पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है?
पंडित विनोद सोनी जी कहते हैं कि 14 फरवरी के दिन सरस्वती पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप मां सरस्वती की पूजा-पाठ विधि अनुसार करेंगे तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा.

सरस्वती पूजा की विधि
वसंत पंचमी के शुभ मौके पर पीले वस्त्र धारण करना चाहिए. उस दिन सुबह उठकर स्नान करें. पीला वस्त्र पहनें. यदि इस रंग का कपड़ा नहीं है तो आप सफेद रंग का वस्त्र भी पहन सकते हैं. अपने पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. वहां चौकी रखें और पीले रंग का वस्त्र बिछाएं. देवी सरस्वती को पीले रंग का वस्त्र पहनाकर, उस चौकी पर स्थापित करें. उनके समक्ष सरस्वती पूजा करने का संकल्प लें. पीले रंग का फूल अर्पित करें. माला पहनाएं. अब अक्षत, पीले रंग की रोली, चंदन आदि चढ़ाएं. धूप, दीप, अगरबत्ती जलाएं. पीले रंग की मिठाई से भोग लगाएं. अब सरस्वती वंदना और मंत्रों का उच्चारण करते हुए मां सरस्वती जी की पूजा करें. अंत में हवन करें, इस दौरान ‘ओम श्री सरस्वत्यै नमः: स्वहा” मंत्र का जाप करें और फिर आरती करें. हाथ जोड़कर सरस्वती जी से प्रार्थना करें कि वो आपको ज्ञान, बुद्धि और विवेक प्रदान करें. अपने कार्यों में आप सफलता हासिल करें और सही निर्णय ले सकें.

ये भी पढ़ें: Saraswati Puja 2024: इस साल कब है सरस्वती पूजा? रवि योग और रेवती नक्षत्र में मनेगी वसंत पंचमी, जानें मुहूर्त और महत्व

Tags: Basant Panchami, Dharma Aastha, Saraswati Puja



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