दुनिया से दोगुनी रफ्तार से भाग रहा भारत
हैदराबाद में जन्मे 55 साल से नडेला माइक्रोसॉफ्ट के 47 साल के इतिहास में तीसरे सीईओ हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत में डिजिटल पर जो काम है वह अद्भुत है। दुनिया में और कहीं इस तरह के प्रयास नहीं हो रहे हैं। जहां तक ह्यूमन कैपिटल की सवाल है तो भारत बेहतर स्थिति में है। एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी भविष्य की टेकनीक को बनाने में इसकी अहम भूमिका होगी। भारत में लोगों को स्किल बनाने का रेट ग्लोबल रेट की तुलना में दोगुनी है। यही वजह है कि कंपनी भारत में अपना निवेश बढ़ा रही है।’
एपल और सऊदी अरामको के बाद माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसका मार्केट कैप 1.79 ट्रिलियन डॉलर है। उन्होंने कहा, ‘भारत के प्रति उनके विश्वास के कई कारण हैं। मैं भाषिनी पर काम कर रहे कई लोगों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि वे स्पीच को टेक्स्ट और फिर टेक्स्ट को स्पीच में किस तरह बदल रहे हैं। देश में छोटी-छोटी कंपनियों डिजिटल का इस्तेमाल कर रही हैं। देश की सभी बड़ी कंपनियां टेक्नोलॉजी बनाने पर काम कर रही हैं। स्टार्टअप कंपनियां ऐसा काम कर रही हैं जो पहले कभी नहीं हुआ। जीडीपी ग्रोथ परसेंटेज में टेक्नोलॉजी की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है।’
मेक इन इंडिया
भारत में माइक्रोसॉफ्ट के निवेश के बारे में नडेला ने कहा कि वह इसे तीन तरीकों से देखते हैं। पहला तरीका यह है कि क्या हम भारत में प्रॉडक्ट बना रहे हैं या नहीं। पहले हम विदेशों में प्रॉडक्ट्स बनाते थे और यहां बेचते थे। लेकिन अब हम भारत में दुनिया के लिए प्रॉडक्ट बना रहे हैं। हमने यहां चार बड़े डेटा सेंटर बनाने के लिए भारी निवेश किया है। साथ ही हमने रिलायंस जियो के लिए डेटा सेंटर बनाने के वास्ते उनके साथ हाथ मिलाया है। इसके साथ ही कंपनी गौतम अडानी और टाटा ग्रुप के साथ भी मिलकर काम कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय स्टार्टअप LambdaTest और inMobi के साथ भी पार्टनरशिप की है।