परमजीत कुमार/देवघर. 19 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी. साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रकोप झेल रहे लोगों के लिए इसका असर कम करने का अच्छा मौका है. देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. नंदकिशोर मुदगल ने बताया कि कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर ढैय्या एवं मकर, कुंभ व मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव है.
इससे जातक का मन अशांत हो जाता है, तार्किक छमता दब जाती है. लोग सोच-समझ नहीं पाते हैं. पंडित मुदगल ने बताया कि साढ़ेसाती व ढैय्या के असर को कम करने के लिए अच्छा संयोग बन रहा है. इन पांच राशि वाले जातक शनि जयंती के दिन शनि देव की विशेष पूजा अर्चना कर लाभ ले सकते हैं. तो आइये जानते हैं राशियों पर साढ़ेसाती व ढैय्या के प्रभाव व निवारण के उपाय…
कर्क राशि: इस राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव चल रहा है. इससे मन अशांत रहता है. सोचने-समझने की क्षमता कम होती है. जातक तार्किक बात नहीं कर पाते
उपाय: जातक शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा कर तिल के तेल का दीपक जलाएं.
वृश्चिक राशि: इस राशि वालों को ढैय्या ने अपने जाल में उलझा रखा है. इसके प्रभाव से भाई-बहन के रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं. व्यापार मे नुकसान की संभावना है. जातक को तुरंत फैसला लेने से बचना चाहिए.
उपाय: जातक को शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में शनि देव की पूजा करनी चाहिए.
मकर राशिः इस राशि वालों पर साढ़ेसाती का असर है. इसके कारण तबीयत खराब रह सकती है. मन अशांत हो सकता है. खर्च ज्यादा होगा.
उपाय: जातक इस दिन शनि देव की पूजा कर शनि स्तोत्र का पाठ करें.
कुम्भ राशिः इस राशि के जातक साढ़ेसाती के प्रभाव के कारण कई तरह की परेशानी झेल रहे हैं. जिंदगी मे भागदौड़ ज्यादा है. बार-बार यात्रा का योग बन रहा है.
उपाय: जातक शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा कर उनके बीज मंत्र का जाप करें.
मीन राशिः इस वालों पर भी साढ़ेसाती का प्रभाव है. इस कारण सेहत खराब हो सकती है. किसी भी तरह के निर्णय से पहले जांच-परख लें. पत्नी से विवाद करने से बचें.
उपाय: जातक शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में जाकर शमी की पत्ती शनिदेव को चढ़ायें.
पूजा का शुभ मुहूर्त
पंडित मुदगल ने बताया की पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 18 मई को रात 9 बजकर 42 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 19 मई को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा. उदया तिथि की मान्यता के अनुसार 19 मई को ज्येष्ठ अमावस्या शनि जयंती मनाई जाएगी. इस दिन पूजा के लिए सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.
पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
शनि देव की पूजा करते समय उनकी मूर्ति के ठीक सामने खड़े न रहें. खास कर उनकी आंखों को न देखें. उनके पैरों को स्पर्श कर पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि उनकी आंखों को देखने से कुदृष्टि पड़ती है.
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FIRST PUBLISHED : May 03, 2023, 20:31 IST