
शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव और शनि देव दोनों को प्रसन्न करने वाला अत्यंत प्रभावशाली व्रत माना जाता है. जब प्रदोष तिथि शनिवार के दिन पड़ती है, तब इस तिथि को शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. इस बार शनि प्रदोष तिथि का व्रत 24 मई दिन शनिवार को किया जाएगा. शनि प्रदोष तिथि का व्रत करके विधि विधान के साथ भगवान शिव और शनिदेव की पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही यह दिन उन व्यक्तियों के लिए भी शुभ फलदायी माना जाता है, जो शनिदेव की महादशा, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि प्रदोष तिथि को दिन कुछ विशेष उपाय करने से आप शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत के दिन ढैय्या व साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए किए जाने वाले उपाय के बारे में…
इस उपाय से हर भय होगा दूर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि प्रदोष तिथि का व्रत रखें और विधि विधान के साथ पूजा अर्चना भी करें. शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें, फिर गंगाजल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें. साथ ही भगवान शिव को शक्कर का भोग लगाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जप भी करें. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के अशुभ प्रभाव में कमी भी आती है.
इस उपाय से परेशानी होंगी दूर
शनि प्रदोष तिथि का व्रत करके शिवालय में ही बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें. साथ ही शनि मंदिर में शनिदेव पर सरसों का तेल, काले तिल और नीले रंग के फूल अर्पित करें. इसके बाद मंदिर में ही बैठकर 11 बार शनि चालीसा और दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. ऐसा करने से शनि दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी और जीवन में जो भी परेशानियां चल रही हैं, वह भी दूर हो जाएंगी.
पीपल की पूजा करें
शनि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल में काले तिल मिलाकर पीपल को अर्घ्य दें और धूप-दीप भी करें. साथ ही 5 मिठाई रखें और 11 बार परिक्रमा भी करें. अगर संभव हो तो गरीब व जरूरतमंद लोगों को भोजन करना बहुत उत्तम रहेगा. वहीं शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं. ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती हैं.
गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद करें
शनि प्रदोष तिथि के दिन कुत्ते, कौवे और काली गाय को रोटी खिलाएं और शनि मंदिर में शनि से जुड़ी चीजों का दान भी करें. साथ ही आप सफाईकर्मी, मजदूर, विधवा आदि लोगों को दान कर सकते हैं. वहीं गरीब व जरूरतमंद लोगों की धन के साथ दूसरी चीजों की भी मदद कर सकते हैं, ऐसा करने से शनिदेव बेहद प्रसन्न होते हैं.
इन चीजों का दान करें
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ शनिदेव और हनुमानजी की भी पूजा अर्चना करें. दिनभर उपवास करें, केवल जल या फलाहार लें. काले तिल, उड़द दाल, लोहे की वस्तु, कंबल, सरसों का तेल, काले कपड़े आदि शनि से संबंधित चीजों का दान करें.