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पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को 75 साल की उम्र में निधन हो गया. बिहार और देश की राजनीति के बड़े नामों में शुमार यादव ने लंबी राजनीतिक पारी खेली. (File Photo)

देश के समाजवादी नेताओं में गिने जाने वाले शरद यादव बिहार की मधेपुरा सीट से चार बार सांसद रहे थे. यादव पहली बार 1974 के लोकसभा उपचुनाव में जीतकर 27 साल की उम्र में संसद पहुंचे थे. इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट यादव को जय प्रकाश नारायण ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जबलपुर उप-चुनाव में बतौर जनता पार्टी उम्मीदवार मैदान में उतारा था. (File Photo)

इसके बाद वह 1977 में फिर से निर्वाचित हुए. 1986 में शरद यादव राज्यसभा में निर्वाचित होकर पहुंचे. इसके बाद ये सिलसिला नहीं थमा. यादव ने लगातार संसद में अपनी कुर्सी बनाए रखी और 1977 में भी जीत हासिल की. हालांकि 1980 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. (File Photo)

1989-90 में शरद यादव को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया और उन्हें कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय दिया गया. 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए यादव एक बार फिर से संसद पहुंचे. 1995 में यादव को जनता दल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और 1997 में वह पार्टी अध्यक्ष के तौर पर चुन लिए गए. (File Photo)

शरद यादव संसद की कई समितियों में भी शामिल रहे. इसके अलावा उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में चार मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाला. (File Photo)

शरद यादव के जीवन के उच्च पड़ावों में से एक तब रहा जब उन्होंने 1999 के आम चुनावों में मधेपुरा संसदीय सीट से लालू प्रसाद यादव को हरा दिया था. इस जीत ने उन्हें वाजपेयी सरकार में मंत्री पद भी दिलाया. हालांकि लालू से उनके संबंध सुधर भी गए. यादव ने जेडीयू छोड़ नई पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया था और इसकी असफलता के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया था. (File Photo)

राजनीतिक जीवन में शरद यादव के कई बड़े नेताओं से घनिष्ठ संबंध रहे. एक समय लालू-नीतीश को साथ रखने वाले यादव के मुलायम सिंह यादव से भी अच्छे रिश्ते रहे. हालांकि इन तीनों ही नेताओं के साथ रिश्तों में खटास भी आई. (File Photo)

शरद यादव का लंबा राजनीतिक जीवन विवादों से भी घिरा रहा. 2009 में यादव ने संसद में महिला आरक्षण बिल का विरोध करते हुए आत्महत्या करने की भी धमकी दी थी. यादव का कहना था कि इससे सिर्फ ‘परकटी’ यानी छोटे बाल वाली महिलाओं को फायदा होगा. (File Photo)

इसके अलावा यादव ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत महिलाओं को लेकर काफी विवादास्पद टिप्पणियां भी की थीं जिन्हें लेकर उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. (File photo)
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Tags: Bihar election, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Lalu Prasad Yadav
FIRST PUBLISHED : January 13, 2023, 05:00 IST
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