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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर ही ब्रजभूमि उमंग और उल्लास में डूबने लगी। हर ओर आस्था का रेला उमड़ता नजर आ रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शनों के लिए टोल के टोल यहां पहुंचते जा रहे हैं। एक दिन पहले ही जहां मंचीय प्रस्तुतियां प्रारंभ कर दी गयीं, जिनको देखने के लिए भक्तों का टोल उमड़ पड़े। गुरुवार की रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पालनहार का जन्माभिषेक होगा।
द्वापर युग में योगीराज श्रीकृष्ण कंस के करागार में प्रकट हुए थे। कंस का कारागर की ही उनकी जन्मस्थली है। यहीं पर बना विशाल भागवत भवन व गर्भ गृह अपने लाडले के जन्मोत्सव की इंतजार में दुल्हन की तरह सजा हुआ है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल संगीने ताने मुस्तैद नजर आ रहे हैं। आपने पालनहार के जन्मोत्सव में शरीक होने के लिए बुधवार को सुबह से ही भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले प्रत्येक मार्ग पर भक्तों के टोल के टोल नजर आ रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक बुधवार की रात तक 10 लाख से अधिक श्रद्धालु ब्रजभूमि में पहुंच चुके थे।
श्रद्धालुओं की यह भीड़ सिर्फ जन्मस्थान तक सीमित नहीं है। वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव-बरसाना, गोकुल, महावन तक भक्तों के टोल नजर आ रहे हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार किए गए 19 मंचों पर एक दिन पहले से ही लोक-नृत्य, रसिया गायन और ठाकुरजी की लीलाओं का चित्रण कलाकारों ने शुरु कर दिया। मनोहारी लोक प्रस्तुतियों के देखने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है। चहुंओर राधे-राधे के स्वरों से महानगर के प्रमुख मार्ग गुंजाएमान हो रहे हैं। जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है, वैसे-वैसे चप्पा-चप्पा श्रद्धालुओं से अटता जा रहा है।
इसे देखते हुए ब्रजवासियों ने भी एक दिन पहले ही भंडारों को शुरु कर दिया। पूड़ी-कचौड़ी, सब्जी के साथ-साथ हलुआ व जलेबी का वितरण शुरु कर दिया गया था। एक नहीं अनेक स्थानों पर ब्रजवासियों ने अपने घरों व होटल-गेस्ट हाउसों के आगे शीतल जल की प्याऊ भी भक्तों की सेवा में प्रारंभ कर दी। विद्युतीय प्रकाश, एलईडी लाइटों और रंग-बिरंगी चुन्नियों महानगर के प्रमुख मार्ग व तिराहे-चौराहे झिलमिला रहे हैं।
‘सोमनाथ’ पुष्प-बंगलें में ‘प्रज्ञान-प्रभास’ पोषाक धारण करेंगे ठाकुरजी
चन्द्रयान-3 की सफलता से सभी अभिभूत एवं आनन्दित हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में चन्द्रवंशी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म महोत्सव के विशिष्ट एवं भव्य आयोजन में जिस पुष्प-बंगले में विराजमान हो ठाकुरजी दर्शन देंगे, उसका नाम इसरो के चीफ एस. सोमनाथ के नामानुरूप ‘सोमनाथ’ पुष्प-बंगला दिया गया है। वैज्ञानिक यंत्र ‘प्रज्ञान’ के नामानुरूप ठाकुरजी की पोषाक का नाम ‘प्रज्ञान-प्रभास’ दिया गया है। इस पोशाक को ठाकुरजी धारण करेंगे। श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान द्वारा इस बार जन्माष्टमी पर किया गया यह अनूठा प्रयास आकर्षण का केन्द्र होगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर यह है जन्माभिषेक की टाइम लाइन
-श्रीगणपति एवं नवग्रह स्थापना-पूजन आदि रात्रि 11 बजे से
-सहस्त्रार्चन (कमल पुष्प एवं तुलसीदल से) रात्रि 11: 55 बजे तक।
-प्राकट्य दर्शन के लिए रात्रि 11:59 बजे पट बन्द होंगे।
-प्राकट्य दर्शन/आरती रात्रि 12: 00 बजे से 12:05 बजे तक।
-पयोधर महाअभिषेक (कामधेनु) रात्रि 12: 05 बजे से 12:20 बजे तक।
-रजत कमल पुष्प में जन्म-महाभिषेक रात्रि 12:20 से 12:40 बजे तक।
-श्रंगार आरती रात्रि 12: 40 बजे से 12:50 बजे तक।
-शयन आरती रात्रि 1: 25 बजे से 1:30 बजे तक।