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Success Mantra: जीवन में सफलता हासिल करने के लिए भगवान राम से सीखें ये 5 बातें

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Success Mantra: जीवन में सफलता हासिल करने के लिए भगवान राम से सीखें ये 5 बातें

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Success Mantra: जीवन में सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति को कठिन परिश्रम के साथ वर्क मैनेजमेंट का हुनर आना भी बेहद जरूरी है। अगर आप भगवान राम के जीवन को बारीकी से देखेंगे तो पाएंगे कि उनमें पास सफलता प्राप्त करने के लिए जरूरी सभी गुण मौजूद थे।  आम व्यक्ति भी अपने जीवन को सफल बनाने और खुद में लीड़रशीप क्वालिटी पैदा करने के लिए भगवान राम के जीवन से प्रेरणा ले सकता है। आइए जानते हैं खुद को सफलता के शिखर तक पहुंचाने के लिए भगवान राम के जीवन से सीखी जा सकती हैं कौन सी बातें- 

टीम को प्रोत्साहित करने का गुण-

बाल्मिकी रामायण के अनुसार भगवान राम ने सबसे पहले सागर का निरिक्षण किया की किस स्थान से पुल बनाना आसान होगा। उसके बाद पुल का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। भगवान राम ने अपनी वानर सेना को इस तरह से प्रोत्साहित किया उन्होंने बहुत ही कम समय में पुल का निर्माण कर डाला। एक अच्छे लीडर में अपनी टीम के सदस्यों को सकारात्मक तरीके से मोटिवेट करने का गुण जरूर होना चाहिए।

दृढ़ संकल्प-

जीवन में आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्प काफी होता है। इसके बाद साधन की कमी व्यक्ति की राह में रोड़ा नहीं बनती। चाहे सेना कम हो या सुविधाओ का अभाव,राम ने रावण पर अपने दृढ़ संकल्प की मदद से ही जीत हासिल की।

सामाजिक समानता –

भगवान राम एक राज परिवार से ताल्लुक रखते थे। वो चाहते तो सबरी और केवट को गले लगाए बिना भी अपना वनवास गुजार सकते थे। लेकिन उन्होंने समाजिक समानता को ऊपर रखते हुए ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपनी प्रजा के साथ एक अच्छे राजा की तरह समानता का व्यवहार किया, जिससे लोगों में भी समानता के प्रति विश्वास पैदा हुआ। एक अच्छा लीडर भी छोटे बड़े कर्मचारी में भेद किए बिना उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता रहता है।  

विरोधी से भी सीखने का गुण-

प्रभु श्रीराम अपने विरोधी या शत्रु से भी सीखने का गुण रखते थे। रावण उनका शत्रु था लेकिन फिर भी उन्होंने अपने अनुज लक्ष्मण को इस बात की प्रेरणा दी कि रावण भले ही हमारा शत्रु है लेकिन उस पर देवी सरस्वती की कृपा है,वह ज्ञानी है,इसलिए हमें उससे सम्‍मान से पेश आना चाहिए।  

व्यक्तित्व से शांत-

गंभीर और सौम्य रहने वाले श्रीराम ने कभी विपरीत परिस्थिति में अपना संतुलन नहीं खोया। उन्होंने  कठिन परिस्थिति को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। हर परिस्थति में दृढ़ता बनाए रखना ही भगवान राम का स्वभाव रहा। आज के मुश्‍किल समय में व्यक्ति को सफलता हासिल करने के लिए भगवान राम का यह गुण जरूर सीखना चाहिए।

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