Monday, February 3, 2025
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Success Story: जिद और जुनूनू की कहानी, मजदूर माता-पिता का बेटा बनेगा डॉक्टर


हाइलाइट्स

चितौड़गढ़ का रहने वाला है रामलाल भोई
महज 11 साल की उम्र में हो गई थी शादी
परीक्षा से छह माह पहले पिता बना है रामलाल

हिमांशु मित्तल.

कोटा. यह कहानी है एक ऐसे होनहार की जिसने बचपन में महज 11 साल की उम्र में ही बाल विवाह (Child Marriage) का दंश झेला. अभावों में पला बढ़ा. यहां तक कि पढ़ने की जिद के कारण अपने पिता से मार भी खाई. लेकिन पढ़ने जुनून नहीं छोड़ा. यह प्रतिभा है राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के घोसुंदा निवासी रामलाल भोई. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद रामलाल ने इस बार मेडिकल परीक्षा को नीट (NEET) क्रेक किया. रामलाल ने 632 अंक हासिल किए हैं. उसने ऑल इंडिया 12901 रैंक प्राप्त की है. वहीं अपनी कैटेगिरी में वह 5137 रैंक पर रहा.

रामलाल ने समझ पकड़ने की बाद डॉक्टर बनने की जिद ऐसी पकड़ी कि वह किसी भी परिस्थिति के आगे न तो झुका और न ही थककर रुका. रामलाल के बेहद गरीब परिवार से है. उसके पिता मजदूरी करते हैं. मां रोजाना चित्तौड़गढ़ चारा ले जाकर बेचती है. रामलाल का महज 11 वर्ष की उम्र में विवाह कर दिया गया था. रामलाल पढ़ाई में रुचि रखता था लेकिन उसके पिता नहीं चाहते थे कि बेटा 10वीं के ज्यादा पढ़ाई करे. पिता की इच्छा विरुद्ध पढ़ने की जिद करने पर उसे उनकी मार भी खानी पड़ी लेकिन फिर भी इसकी परवाह नहीं की.

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हौसले बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं है
जुनूनी रामलाल ने पांचवें प्रयास में नीट क्रेक करके दिखा दिया कि हौसले बुलंद हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. बकौल रामलाल जब शादी हुई तो इस बात का कतई आभास नहीं था आखिर यह होती क्या है? परिवार को लोग नाच गा रहे थे. उसे भी मजा आ रहा था. रामलाल की पत्नी भी उसकी हमउम्र ही है. शादी के समय रामलाल 6ठीं कक्षा में पढ़ता था. शादी के बाद अब करीब छह साल पत्नी ने ससुराल में आकर रहना शुरू कर दिया. रामलाल की पत्नी भी 10वीं तक पढ़ी हुई है. नीट की परीक्षा से महज छह माह पहले ही रामलाल की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया है.

10वीं तक पता नहीं था की डॉक्टर कैसे बनते हैं
रामलाल ने अपने गांव के सरकारी स्कूल से 10वीं की. उसने दसवीं कक्षा में 74 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. रामलाल के अनुसार परिवार से करियर की बात करना भी बेमानी था. आगे की पढ़ाई के लिए एडमिशन लेने उदयपुर गया तब उसे बॉयोलॉजी विषय और नीट परीक्षा के बारे में जानकारी मिली. तब तक उसे नहीं पता था कि नीट जैसा कोई एग्जाम भी होता है और उसे पास करने पर डॉक्टर बनते हैं. उसके बाद रामलाल ने बॉयोलॉजी विषय के साथ 11वीं और 12वीं कक्षा पास की. यह सब उसने वहां समाज कल्याण विभाग अंबेडकर छात्रावास में रहकर किया.

नदी किनारे कच्चा मकान है रामलाल का
रामलाल का घोसुंदा में भेड़च नदी किनारे कच्चा घर है. केलूपॉश के इस मकान में बिजली तो है लेकिन आधे समय वह गुल ही रहती है. गांव के सरकारी नल से पानी भरकर ही घरवाले प्यास बुझाते हैं. गणेश के माता-पिता का मजदूर कार्ड भी बना हुआ है. कभी-कभार काम आ जाता है तो मजदूरी करने चले जाते हैं. गणेश के परिवार में उस समेत पांच भाई-बहन हैं. उनमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है. रामलाल अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते एक मिसाल बनकर उभरा है.

Tags: Kota news, NEET UG 2023, Rajasthan news, Success Story



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