Home World Sudan Crisis Indian: सूडान से 150 साल पुराना है भारतीयों का नाता, गृहयुद्ध से जूझ रहे देश में क्‍या कर रहे भारतीय?

Sudan Crisis Indian: सूडान से 150 साल पुराना है भारतीयों का नाता, गृहयुद्ध से जूझ रहे देश में क्‍या कर रहे भारतीय?

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Sudan Crisis Indian: सूडान से 150 साल पुराना है भारतीयों का नाता, गृहयुद्ध से जूझ रहे देश में क्‍या कर रहे भारतीय?

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खारतूम: अफ्रीकी देश सूडान में इस समय जंग छिड़ी हुई है और सेना और अर्द्धसैनिक बल आमने-सामने हैं। सूडान में जंग के बीच दुनियाभर के देश अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहे हैं। भारत भी सूडान में रह रहे 2800 भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी चल रहा है। अब तक सैकड़ों भारतीयों की वतन वापसी हो चुकी है। भारतीय समुदाय के लोग इस युद्धग्रस्‍त देश में सबसे बड़े एशियाई समुदायों में से एक हैं। सूडान से भारतीयों का यह नाता आज का नहीं बल्कि 150 साल पुराना है। आइए जानते हैं सूडान में भारतीयों के पहुंचने की कहानीसूडान में इस समय सेना और अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। सूडान की सेना फाइटर जेट से हमला बोल रही है। वहीं विरोधी भी एक बड़े इलाके में आगे बढ़ चुके हैं। यह लड़ाई दोनों के बीच वर्चस्‍व की जंग बन चुकी है। इस जंग में भारतीय भी बुरी तरह से फंस गए हैं और उन्‍हें निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था। अब तक 670 भारतीयों को निकाला जा चुका है। बाकी बचे लोगों को भी निकालने के लिए भारतीय नौसेना और वायुसेना पूरी तत्‍परता के साथ लगी हुई हैं।

सूडान में शहरी इलाकों में भारतीय मूल के लोग रहते हैं जिसमें खार्तूम, ओमदूरमान जैसे शहर शामिल हैं। इसमें वे इलाके भी शामिल हैं जहां दोनों ही गुटों के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। भारतीय दूतावास ने ऑपरेशन कावेरी शुरू होने से पहले ही भारतीय मूल के लोगों के साथ समन्‍वय करना शुरू कर दिया था ताकि उन्‍हें सूडान से निकाला जा सके। लेकिन सीजफायर नहीं हो पाने की वजह से यह बचाव अभियान देरी से शुरू हुआ। सूडान में भारतीय समुदाय के लोग कई प्रमुख सेक्‍टर में पेशेवर के रूप में काम करते हैं। कुछ ऐसे हैं जो संयुक्‍त राष्‍ट्र और अन्‍य अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों में काम करते हैं।

सूडान में फंसे 2800 भारतीयों में से करीब 100 हक्‍की-पिक्‍की आदिवासी समुदाय के हैं। यह घूमंतु जनजाति भारत के कर्नाटक राज्‍य की है। ये लोग वहां हर्बल मेडिसिन बेचते हैं। इनमें से ज्‍यादातर लोग राजधानी खार्तूम में रहते हैं। कई लोग अवैध रूप से भी सूडान पहुंचे हैं जिन्‍हें दुबई पहुंचाने का लालच दिया गया था। भारतीय दूतावास के मुताबिक कुछ भारतीय नागरिकों ने जूबा में अपना बिजनस भी शुरू किया है। सूडान में ओएनजीसी, भेल, टीसीआईएल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो जैसी भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं।

भारत के अपोलो जैसे हॉस्पिटल भी सूडान में कार्य करते हैं। भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय उन पहले लोगों में शामिल हैं जिन्‍होंने साल 2006 में जूबा में होटल खोला है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक सूडान में 150 साल पहले पहली बार भारतीय समुदाय का आगमन हुआ था। माना जाता है कि एक गुजराती व्‍यापारी लवचंद अमरचंद शाह सबसे पहले सूडान पहुंचे थे। वह 1860 के दशक में अदन से सूडान पहुंचे थे। वह भारत से सामानों का आयात करते थे। अपना व्‍यापार बढ़ाने के बाद शाह ने अपने परिवार और रिश्‍तेदारों को भी सौराष्‍ट्र से बुला लिया था। यही से भारतीय समुदाय की शुरुआत हुई।

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