10 दिनों में 427 लोगों की मौत
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एजेंसियों के मुताबिक संघर्षविराम के पिछले प्रयास 10 दिनों की लड़ाई के दौरान असफल रहे थे। सूडान में जारी युद्ध के चलते अब तक कम से कम 427 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही और 3,700 से ज्यादा लोग घायल हैं। ब्लिंकन की घोषणा के कुछ घंटे पहले, यूएन के मुखिया एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी थी कि लड़ाई पूरे क्षेत्र और उससे आगे की जगहों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। गुटेरेस ने कहा कि सूडान को इस स्थिति से निकालने के लिए सभी को अपनी ताकत के मुताबिक सब कुछ करना होगा। ब्लिंकन के ऐलान के मुताबिक तीन दिनों के युद्धविराम का मकसद एक लंबी अवधि वाले युद्धविराम पर बातचीत करना था।
भोजन, पानी, दवा का अकाल
सूडान में सहायता पहुंचाने वाली एजेंसियों ने बताया है कि अचानक शुरू हुए युद्ध के और तेज होने की वजह से यहां फंसे सूडानी नागरिकों को भोजन, पानी और दवा की सख्त कमी का सामना करना पड़ रहा है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने डॉक्टरों के संगठन के मुखिया अत्तिया अब्दुल्ला के हवाले से लिखा है कि सड़कों पर लाशें बिछी हुई हैं और मुर्दाघर भी भरे हुए हैं।
सोमवार को रॉयल एयर फोर्स (RAF) का ट्रांसपोर्ट प्लेन उत्तर-पूर्व में पोर्ट सूडान में उतरा है। इसका मकसद उन ब्रिटिश नागरिकों को इकट्ठा करना था जो खार्तूम और देश के बाकी जगहों से उत्तर-पूर्वी तटीय शहर तक पहुंच पाए हैं। सोमवार को यूएन का एक काफिला 700 लोगों को लेकर राजधानी से 850 किमी का सफर तय कर पहुंचा।
भारत ने लॉन्च किया ऑपरेशन कावेरी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार द्वारा ऑपरेशन कावेरी अभियान का ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को बताया कि लोगों को सुरक्षित लाने का काम शुरू हो चुका है। इसकी निगरानी के लिए विदेश राज्यमंत्री वी.मुरलीधरन को वहां भेजा जा रहा है। अमेरिका ने भी अपने उन नागरिकों को सूडान से बाहर निकलने की सुविधा मुहैया कराना शुरू कर दिया है जो देश आना चाहते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ने जमीन से निकासी मार्ग पर खुफिया और सर्विलांस टीमों को तैनात कर दिया है। ताकि उसके नागरिकों को खार्तूम से सूडान बंदरगाह तक सुरक्षित यात्रा की सुविधा में मदद मिल सके। हालांकि, वहां अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी नहीं है।