तालिबान ने अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा किया था। संगठन ने देश में शरिया कानून लागू कर दिया था और अब कट्टरपंथी नीतियां अफगानों के गले का फंदा बनती जा रही हैं। अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपीलों पर सुनवाई के बाद कोड़े मारने का आदेश दिया। अदालत ने बयान में कहा कि परवान प्रांत में कुछ लोगों को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है। कोर्ट के आदेश पर 18 पुरुषों और नौ महिलाओं को सजा दी गई।
दर्द से तड़प रहे थे लोग
कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि सभी पुरुषों और महिलाओं को 25 से 39 बार कोड़े मारे गए। न्यूज एजेंसी एएफपी को एक चश्मदीद ने बताया कि शहर के एक स्टेडियम में कोड़े मारने की घटना को 1000 से अधिक लोगों ने देखा। उसने बताया, ‘इस दौरान जनता ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रही थी और कोड़े खा रहे लोगों से पूछ रही थी, ‘क्या तुम दोबारा ऐसा करोगे?” खबरों के मुताबिक जिन लोगों को कोड़े मारे गए वे सभी दर्द से तड़प रहे थे।
तालिबान ने दी पहली फांसी की सजा
तालिबान ने बुधवार को सत्ता में आने के बाद पहली फांसी की सजा दी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी जो दिखाता है कि तालिबान क्रूर नीतियों और इस्लामी कानून से समझौता करने के मूड में नहीं है। जिस शख्स को फांसी की सजा दी गई उस पर 2017 में एक शख्स की हत्या का आरोप लगा था। तालिबानी प्रवक्ता ने बताया कि फांसी की सजा पश्चिमी फराह प्रांत में दी गई।