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अफगानिस्तान के चर्चित पत्रकार बिलाल सरवरी ने तालिबान के लीक हुए दस्तावेज के हवाले से खुलासा किया है कि पाकिस्तान आईएसकेपी के आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है। सरवरी ने इस दस्तावेज को ट्वीट करके कहा, ‘तालिबान के एक लीक हुए आंतरिक मेमो रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के कबायली इलाके में आईएसकेपी के ट्रेनिंग कैंप बने हुए हैं। इसमें चेतावनी दी गई है कि आईएसकेपी पाकिस्तान से अब अफगानिस्तान के लोगर इलाके में जमा हो रहे हैं।’ आईएसकेपी आतंकी तालिबान के बड़ा खतरा बन गए हैं और लगातार अफगानिस्तान में खूनी हमले कर रहे हैं। कई विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पाकिस्तान अमेरिका से चंदा लेने के लिए आईएसकेपी के खतरे को भड़का रहा है।
पाकिस्तान खतरा, तालिबान ने पहली बार माना
सरवरी ने कहा कि यह पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों में एक रोचक बदलाव है। ऐसा पहली बार हुआ है जब तालिबान आतंकियों की सरकार ने खुलकर कहा है कि उसे पाकिस्तान से खतरा है। वह भी तब जब तालिबान ने खुद ही साल 2002 से लेकर 2021 तक पाकिस्तान को अपना सुरक्षित ठिकाना बनाया हुआ था। तालिबान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी इस पत्र में कहा गया है कि आईएसकेपी समेत 3 अतिवादी उग्रवादी गुटों ने पाकिस्तान के तिराह घाटी में अपना ट्रेनिंग कैंप बना रखा है। अफगाानिस्तान का रक्षामंत्री तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर का बेटा मुल्ला याकूब है।
पाकिस्तान और तालिबान के बीच इन दिनों जोरदार जुबानी जंग चल रही है। पिछले दिनों पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्ला ने धमकी दी थी कि अगर तालिबान ने कार्रवाई नहीं की तो हमारी सेना अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी आतंकियों पर हमले करेगी। इसके बाद तालिबानी रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को धमकी दी थी कि हमें सीरिया न समझा जाए। पाकिस्तान और तालिबान के बीच कई बार सीमा पर झड़प हो चुकी है।
टीटीपी का ऐलान, इस्लामिक शासन की स्थापना करेंगे
पाकिस्तान चाहता है कि टीटीपी आतंकियों पर तालिबान हमला करे और उन्हें अपने देश से भागने को मजबूर करे। वहीं तालिबान टीटीपी आतंकियों का इस्तेमाल अपनी एक शाखा के रूप में करना चाहता है ताकि पाकिस्तान के कबायली इलाके पर उसका अप्रत्यक्ष कब्जा हो जाए। टीटीपी आतंकियों ने ऐलान किया है कि वे पाकिस्तान में एक इस्लामिक शासन की स्थापना करेंगे जो शरिया कानून से संचालित होगा। टीटीपी ने पाकिस्तान के लिए अपने कई मंत्रियों का ऐलान किया है।
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