Monday, March 24, 2025
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TGT-PGT भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बलाव, शिक्षा आयोग से चयन और नियुक्ति नेदशालय से


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प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) की तैनाती व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में जो व्यवस्था है उसके अनुसार शिक्षकों का चयन तो नया आयोग करेगा लेकिन तैनाती शिक्षा निदेशालय से होगी। इससे पहले तक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड चयन के बाद पैनल अपनी वेबसाइट पर जारी करता था और जिला विद्यालय निरीक्षक स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कराते थे। अब आयोग को रिक्तियों की सूचना प्राधिकृत अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा निदेशक) के माध्यम से मिलेगी।

चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग विज्ञापित रिक्तियों के सापेक्ष तैयार पैनल माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजेगा। शिक्षा निदेशक की ओर से अधिसूचित रिक्तियों की सूचना विभागीय बेवसाइट पर प्रदर्शित करके पैनल में अंकित अभ्यर्थियों से ऑनलाइन पांच संस्थाओं की अधिमानता ली जाएगी। वह अभ्यर्थी जिसका नाम पैनल में शीर्ष पर हो, उसके द्वारा दिए गए प्रथम अधिमानता की संस्था में उसका आवंटन होगा। यदि किसी अभ्यर्थी के सभी पांचों स्कूल उससे अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थी को आवंटित हो गए हैं तो शिक्षा निदेशक अपने स्तर से कोई भी संस्था, जो वह उचित समझे, आवंटित कर सकेंगे।

प्रतीक्षा सूची पर निदेशालय से होती है तैनाती

प्रयागराज। एडेड कॉलेजों में वर्तमान में टीजीटी-पीजीटी की प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की तैनाती शिक्षा निदेशालय से होती है। पहले जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर से प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की भी तैनाती होती थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर यह व्यवस्था बदल दी गई है।

 

शिक्षा निदेशालय के पुराने भवनों का जीर्णोद्धार जल्द

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों संग समीक्षा बैठक की। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि उच्च शिक्षा निदेशालय के पुरानी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार कराया जाए। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजें। भवन के मरम्कत कार्य को नए बजट में शामिल किया जाए।

उन्होंने कहा कि नया शिक्षा सेवा चयन आयोग जल्द ही अस्तित्व में आ जाएगा। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसलिए निदेशालय रिक्त पदों का ब्योरा तैयार करे। कहा कि नए आयोग के असित्व में आते ही अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी दूर हो जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों का निर्देश दिया कि समस्याओं के निस्तारण त्वारित किया जाए। इस मौके पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ब्रह्मदेव, सयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. अपर्णा मिश्रा समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे।



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