पार्किंग में मिला था स्पाइक
स्पाइक की मालकिन रीटा किम्बाल का कहना है कि उन्होंने उसे एक पार्किंग में पाया था। वह राशन का सामान लेकर लौट रही थी और स्पाइक पार्किंग में मौजूद था। उस समय उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि स्पाइक 13 साल बाद भी उनकी जिंदगी का हिस्सा रहेगा। जिस समय स्पाइक रीटा को मिला था उसकी उम्र 10 साल की थी। रीटा ने उसी समय फैसला किया कि वह स्पाइक को घर लेकर आएंगी और उसे अपने फार्म हाउस पर रखेंगी। उन्हें नहीं मालूम था कि स्पाइक किसका पालतू कुत्ता है और कैसे पार्किंग तक पहुंचा था।
काफी बुरी स्थिति में था स्पाइक
स्पाइक की पीठ पूरी तरह से छिली हुई थी, उसकी पीठ पर खून के धब्बे थे जो किसी चेन या फिर रस्सी की वजह से हुए थे। वह काफी बुरी स्थिति में था। राशन की दुकान पर मौजूद क्लर्क ने उन्हें बताया कि वह पिछले तीन दिनों से इसी पार्किंग में है। उसे राशन की दुकान में मौजूद लोगों की तरफ से बचाखुचा खाना खाने को दिया जा रहा था। जैसे ही रीटा स्टोर से आगे बढ़ी, स्पाइक उनके पीछे-पीछे चलने लगा।
इसके बाद जब उन्होंने अपने पोते के लिए कार का दरवाजा खोला, स्पाइक उछलकर कार में बैठ गया। रीटा की मानें तो स्पाइक को देखकर लग रहा था कि जैसे वह जानता हो कि उसे कहां जाना है। इसके बाद उनका मन नहीं किया कि वो स्पाइक को अकेला छोड़ें।
न देख पाता है, न सुन पाता
रीटा का कहना है कि स्पाइक एक शांत और बेहद प्यारा कुत्ता है। यह सिर्फ तब आक्रामक होता है जब कोई और इसे हाथ लगाता है। वह सबसे जल्दी दोस्ती कर लेता है। मगर स्पाइक को ठीक से दिखाई नहीं देता और उसे सुनाई भी काफी मुश्किल से देता है। कभी-कभी उसे अकेला रहने का दिल करता है तो वह किसी की नहीं सुनता है।