Home National Tungnath Temple: दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ 6  से 1 0 डिग्री झुका, ASI की रिपोर्ट में खुलासा

Tungnath Temple: दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ 6  से 1 0 डिग्री झुका, ASI की रिपोर्ट में खुलासा

0
Tungnath Temple: दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ 6  से 1 0 डिग्री झुका, ASI की रिपोर्ट में खुलासा

[ad_1]

हाइलाइट्स

दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर को लेकर एक अध्ययन में बड़ा खुलासा.
तुंगनाथ मंदिर लगभग पांच से छह डिग्री तक झुका हुआ है.
ASI ने सुझाव दिया है कि मंदिर को संरक्षित स्मारक के रूप में शामिल किया जाए.

देहरादून: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI ) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Temple) जो गढ़वाल हिमालय के रुद्रप्रयाग जिले में 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, लगभग पांच से छह डिग्री तक झुका हुआ है. इसके अलावा परिसर में छोटी संरचनाएं 10 डिग्री तक झुकी हुई हैं. एएसआई के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने निष्कर्षों के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया है और सुझाव दिया है कि मंदिर को संरक्षित स्मारक के रूप में शामिल किया जाए.

TOI के अनुसार एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘इसके बाद सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके तहत जनता से आपत्तियां मांगने के लिए एक अधिसूचना जारी की है.’ ASI क्षति के मूल कारण का पता लगाएगा ताकि इसकी तुरंत मरम्मत की जा सकती है.

पढ़ें- त्रयंबकेश्वर मंदिर में गैर हिंदू युवकों के प्रवेश पर एक्शन में महाराष्ट्र सरकार, FIR दर्ज

एएसआई के देहरादून सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुमार सक्सेना ने कहा, ‘सबसे पहले, हम क्षति के मूल कारण का पता लगाएंगे. अगर इसकी तुरंत मरम्मत की जा सकती है तो करेंगे. इसके अलावा मंदिर के गहन निरीक्षण के बाद एक विस्तृत कार्य कार्यक्रम तैयार किया जाएगा.’ ASI के अधिकारियों ने धंसने की आशंका से भी इनकार नहीं किया है, जिसके कारण मंदिर का संरेखण बदल सकता है.

उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर क्षतिग्रस्त हिस्से को बदला जाएगा. अभी के लिए एजेंसी ने मुख्य मंदिर की दीवारों पर ग्लास स्केल लगाए हैं जिससे गतिविधि को मापा जा सके. गौरतलब है कि तुंगनाथ को दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है, जिसे 8वीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने बनवाया था. यह बद्री-केदार मंदिर समिति (BKTC) के प्रशासन के अधीन है. मनोज कुमार सक्सेना ने कहा, ‘इस संबंध में बीकेटीसी को एक पत्र भी भेजा गया है. हालांकि, हमें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.’

” isDesktop=”true” id=”6222429″ >

BKTC के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया, ‘इस मामले में हाल ही में एक बोर्ड बैठक में चर्चा हुई थी जहां सभी हितधारकों ने एएसआई के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. हम मंदिर को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने में उनकी सहायता लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इसे उन्हें सौंपे बिना करेंगे. उन्हें जल्द ही हमारे फैसले के बारे सूचित करेंगे.’

Tags: Hindu Temple, Shiva Temple

[ad_2]

Source link