Home Education & Jobs UGC गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर ही करें भारत में विदेशी डिग्री कोर्स, जानें वैधता के नियम

UGC गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर ही करें भारत में विदेशी डिग्री कोर्स, जानें वैधता के नियम

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UGC गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर ही करें भारत में विदेशी डिग्री कोर्स, जानें वैधता के नियम

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मैं एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी का मैनेजमेंट कोर्स दिल्ली के एक स्टडी सेंटर के माध्यम से करना चाहती हूं। यह डिग्री मेरे करियर में कितनी सहायक होगी? करियर काउंसलिंग कॉलम में इस प्रश्न का जवाब देते हुए करियर काउंसलर आशीष आदर्श ने कहा कि आपको मालूम हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी द्वारा कई बार यह बात स्पष्ट की गई है कि यदि कोई विदेशी विश्वविद्यालय अपने फ्रेंचाइजी सेंटर या स्टडी सेंटर के माध्यम से कोई भी कोर्स भारत में संचालित करता है, तो उस डिग्री की कोई मान्यता नहीं होगी। 

साथ ही, किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय को भारत में अपने सेंटर के माध्यम से पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति यूजीसी द्वारा नहीं दी गई है। अत ऐसी डिग्री का कोई विशेष लाभ आपको नहीं मिल पाएगा। भारत में केवल उन डिग्रियों की ही मान्यता होती है, जो यूजीसी द्वारा मान्य होती हैं। विदेश से प्राप्त डिग्रियों का कुछ लाभ आपको निजी कंपनियों में शायद मिल जाए, परंतु सरकारी या पीएसयू निकायों में प्रवेश नहीं कर पाएंगी। यदि आप विदेश से कोर्स करना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में विश्व की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज की मान्यता भारत सरकार देती है। इन यूनिवर्सिटीज एवं मान्य पाठ्यक्रमों की जानकारी एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के पास है। अत किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय में दाखिले से पहले उस कोर्स की मान्यता के बारे में – एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, कोटला मार्ग, नई दिल्ली से जानकारी जरूर लें।

– मैं अभी पीसीएम से बारहवीं कर रहा हूं। टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में क्या अवसर हैं? राजेन्द्र विश्वकर्मा

जवाब – भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम बाजार है। विश्व में टेलीकॉम में सबसे अधिक प्रगतिशील पांच देशों में इसे शामिल किया गया है और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आगामी 8 वर्ष में यहां के टेलीकॉम बाजार का आकार दोगुने से अधिक हो जाएगा। इस क्षेत्र के जानकारों के पास रोजगार की कोई कमी नहीं है। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए दो रास्ते हैं – पहला, मैट्रिक के बाद टेलीकॉम में तीन-वर्षीय डिप्लोमा कोर्स, और दूसरा, पीसीएम से 10+2 करने के बाद तीन वर्षीय बीएससी इन इंजीनियरिंग या चार वर्षीय बीटेक (टेलीकॉम इंजीनियरिंग)। वहीं यदि आपने बीएससी गणित या विज्ञान विषयों से कर लिया है, तो टेलीकॉम में पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स भी फायदेमंद साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में तकनीकी व गैर-तकनीकी, दोनों प्रकार के लोगों की नियुक्ति की जाती है। पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद रिलायंस टेलिकॉम, टाटा टेलीसर्विस, एरिक्सन आदि कंपनियों में मौके बनेंगे।

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