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UKPSC : लोक सेवा आयोग करे विधानसभा में कर्मचारियों की भर्ती- समिति

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UKPSC : लोक सेवा आयोग करे विधानसभा में कर्मचारियों की भर्ती- समिति

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UKPSC Recruitment: विधानसभा में भर्तियों की जांच के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति लोक सेवा आयोग व राज्य के किसी अन्य भर्ती आयोग से कराने की सिफारिश की है। इसके साथ ही समिति ने विधानसभा में प्रमुख सचिव और सचिव के पद पर न्यायिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों की ही तैनाती का सुझाव दिया है।

विदित है कि विधानसभा में राज्य गठन के बाद हुई भर्तियों पर सवाल खड़े होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने रिटायर नौकरशाह डीके कोटिया की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने विधानसभा में राज्य गठन के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध बताने के साथ ही कई अहम सुझाव भी दिए हैं।

विधानसभा सचिवालय की ओर से यह रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने से यह सच्चाई सामने आई है। समिति की ओर से विधानसभा को कुल 15 सुझाव दिए गए हैं। जिसमें कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती लोक सेवा आयोग व राज्य की अन्य भर्ती एजेंसियों से कराने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही विधानसभा सचिवालय को विधायी विभाग के तहत ही रखे जाने, विधानसभा में पदों का ढांचा तैयार करने, कर्मचारियों के लिए एसीआर की व्यवस्था किए जाने, कर्मचारियों की भर्ती के लिए नई नियमावली बनाए जाने, 2016 में विधानसभा की नियमावली में किए गए बदलाव को समाप्त करने के साथ ही वाहन चालक और परिचालक की नियुक्ति आउटसोर्स के तहत करने की सिफारिश की गई हैं।

विधानसभा की सभी 396 तदर्थ नियुक्तियां असंवैधानिक

इधर विधानसभा सचिवालय की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को भी विशेष समिति की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। नदीम उद्दीन को सूचना के अधिकार के तहत दी गई रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा में राज्य गठन के बाद हुई सभी 396 तदर्थ नियुक्तियां असंवैधानिक हैं। जिसमें 228 नियुक्तियों को समिति ने निरस्त करने योग्य माना। जबकि 2001 से 2015 तक हुई 168 नियुक्तियों को भी गलत व असंवैधानिक मानते हुए उमा देवी प्रकरण के संदर्भ में परीक्षण के बाद निर्णय लेने की सिफारिश की गई है।

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