Home World UNESCO News: यूनेस्को में फिर से शामिल होगा अमेरिका, बकाया राशि का करेगा भुगतान, ट्रंप ने किया था अलग होने का ऐलान

UNESCO News: यूनेस्को में फिर से शामिल होगा अमेरिका, बकाया राशि का करेगा भुगतान, ट्रंप ने किया था अलग होने का ऐलान

0
UNESCO News: यूनेस्को में फिर से शामिल होगा अमेरिका, बकाया राशि का करेगा भुगतान, ट्रंप ने किया था अलग होने का ऐलान

[ad_1]

पेरिस: संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक एजेंसी यूनेस्को ने सोमवार को घोषणा की कि अमेरिका ने फिर से उससे जुड़ने और 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की बकाया राशि का भुगतान करने का फैसला किया है। यूनेस्को द्वारा फलस्तीन को एक सदस्य के तौर पर शामिल करने के विरोध में करीब एक दशक तक चले विवाद के बाद अमेरिका का यह कदम सामने आया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वापसी का निर्णय इस चिंता से प्रेरित था कि चीन यूनेस्को नीति निर्माण में अमेरिका के न रहने से बनी जगह को भर रहा था, विशेष रूप से दुनिया भर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और प्रौद्योगिकी शिक्षा के लिए मानक स्थापित करने के संदर्भ में।इस कदम को आने वाले हफ्तों में यूनेस्को के सदस्य राज्यों द्वारा मतदान का सामना करना पड़ेगा। लेकिन सोमवार को यूनेस्को के पेरिस मुख्यालय में घोषणा पर तालियों की गड़गड़ाहट के बाद मंजूरी एक औपचारिकता लगती है। एक भी देश ने उस देश की वापसी पर आपत्ति नहीं जताई जो कभी एजेंसी का सबसे बड़ा वित्तपोषक था। फलस्तीन को एक सदस्य देश के रूप में शामिल करने के लिए 2011 में हुए मतदान के बाद अमेरिका और इजराइल ने यूनेस्को को धन देना बंद कर दिया। ट्रंप प्रशासन ने 2017 में इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह और प्रबंधन समस्याओं का हवाला देते हुए इससे अगले साल एजेंसी से पूरी तरह से अलग होने का फैसला किया था।

यूनेस्को की महानिदेशक, ऑड्रे एजोले ने 2017 में अपने चुनाव के बाद से उन चिंताओं को दूर करने के लिए काम किया है और ऐसा लगता है कि उनके प्रयास रंग लाए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा, “यूनेस्को के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। यह बहुपक्षवाद के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है” प्रबंधन एवं संसाधन मामलों के लिये अमेरिकी विदेश विभाग के उप मंत्री रिचर्ड वर्मा ने पिछले हफ्ते यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे एजोले को फिर से शामिल होने की योजना को औपचारिक रूप देने के लिए एक पत्र दिया था।

हाथ से दिए गए पत्र के अनुसार, वर्मा ने यूनेस्को में मध्य पूर्व के बारे में गैरराजनीतिक बहस में प्रगति और एजेंसी के प्रबंधन में सुधार का उल्लेख किया। पत्र की प्रति ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पास उपलब्ध है। एजोले द्वारा सोमवार को एक विशेष बैठक में राजदूतों के समक्ष इस बारे में घोषणा करते ही यूनेस्को के सभागार में तालियां बजने लगीं और एक के बाद एक प्रतिनिधियों ने खड़े होकर फैसले तथा नए सिरे से रकम आने की जानकारी का स्वागत किया।

यूनेस्को के एक राजनयिक के अनुसार, कभी एजेंसी के सबसे बड़े धन प्रदाता रहे अमेरिका की वापसी को अगले महीने इसके 193 सदस्य राष्ट्रों द्वारा एक वोट का सामना करने की उम्मीद है। यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के लिए एक बड़ा वित्तीय प्रोत्साहन है, जो अपने विश्व विरासत कार्यक्रम के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा लड़कियों की शिक्षा से जुड़ी परियोजनाओं के लिए जाना जाता है। जबकि यूनेस्को में फलस्तीनी सदस्यता एजेंसी के साथ अमेरिका के अलग होने की वजह थी जबकि इसकी वापसी में चीन के बढ़ते प्रभाव का हाथ ज्यादा है।

प्रबंधन पर अवर विदेश मंत्री जॉन बास ने मार्च में कहा था कि यूनेस्को से अमेरिका की अनुपस्थिति ने चीन को मजबूत किया है, और यह”एक स्वतंत्र दुनिया की हमारी दृष्टि को बढ़ावा देने में हमारी क्षमता को कम कर देता है”। उन्होंने कहा कि यूनेस्को दुनिया भर में प्रौद्योगिकी और विज्ञान शिक्षण के मानकों को स्थापित करने और आकार देने में महत्वपूर्ण था, “इसलिए यदि हम वास्तव में चीन के साथ डिजिटल युग की प्रतिस्पर्धा के बारे में गंभीर हैं … तो हम अब और अनुपस्थित नहीं रह सकते।” यूनेस्को के फलस्तीनी राजदूत ने अमेरिकी फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की।

यूनेस्को में चीन के राजदूत जिन यांग ने कहा कि उनका देश अमेरिका को वापस लाने के यूनेस्को के प्रयासों की “सराहना” करता है। उन्होंने कहा कि उसकी अनुपस्थिति का एजेंसी के काम पर “नकारात्मक प्रभाव” पड़ा। यांग ने कहा, “एक अंतरराष्ट्रीय संगठन का सदस्य होना एक गंभीर मुद्दा है, और हम आशा करते हैं कि इस बार अमेरिका की वापसी का मतलब है कि यह संगठन के मिशन और लक्ष्यों को स्वीकार करता है।” महानिदेशक पद पर 2017 में अपने चुनाव के बाद से, एजोले ने बजट सुधारों और यूनेस्को के संवेदनशील प्रस्तावों को लेकर जॉर्डन, फलस्तीन और इजराइल के राजनयिकों के बीच आम सहमति बनाने के माध्यम से, अमेरिका के संगठन को छोड़ने के कारणों को दूर करने के लिए काम किया है।

[ad_2]

Source link