हाइलाइट्स
जैसलमेर के पोकरण में अनोखा आयोजन
बुजुर्ग महिला के बेटों ने पूरे गांव को दिया भोज
नत्थूदेवी बीते कई वर्षों से पेड़ पौधे लगाना का कार्य भी कर रही हैं
सांवलदान रतनू.
जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर स्थित जैसलमेर जिले में एक बुजुर्ग महिला नत्थू देवी बिश्नोई (Nathu Devi Bishnoi) का जन्मदिन समारोह खासा चर्चा में है. नत्थू देवी बिश्नोई ने हाल ही में अपने 101वें जन्मदिन (Birthday) पर 38 पोतों, पड़पोतों, पड़पोतियों और नातियों की उपस्थिति में केक काटा. नत्थू देवी बिश्नोई के इस जन्मदिन को मनाने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उमड़े. दूर-दराज से आए अपने बेटों, पोतों और पड़पोतों तथा नातियों को देखकर नत्थू देवी की खुशियां भी सातवें आसमान पर थी. इस मौके पर परिजनों ने घर की इस बुजुर्ग महिला के पैर भी अपने हाथों से धोए.
नत्थू देवी का जन्म जोधपुर के फलौदी तहसील के भिंयासर गांव में हुआ है. उनका विवाह परमाणु नगरी पोकरण के खेतोलाई के खेराजराम बिश्नोई के साथ हुआ था. नत्थू देवी के 10 पोते, 18 पड़पोते व पड़पोतियां और 10 दोहिते हैं. नत्थूदेवी का यह बर्थ-डे समारोह किसी शादी समारोह से कम नहीं था. 1 जनवरी को नत्थू देवी के 101वें जन्मदिन पर उनके बेटों और बेटियों सहित परिवार के करीब 150 लोगों ने केक काटकर जन्मदिन की खुशियां मनाई.
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परिजनों ने आत्मियता से धोए नत्थूदेवी के पैर
सभी ने नत्थूदेवी के पैरों को धोकर उनका आशीर्वाद लिया. इस बीच दिनभर फोन पर बधाइयां मिलती रही. मां के बर्थ डे के लिए 5 बेटों ने मिलकर न केवल केक काटकर खुशियां मनाई बल्कि पूरे गांव को आमंत्रित देकर भोज दिया. वृद्धा नत्थुदेवी ने भी अपने परिवारजनों और कार्यक्रम में आए रिश्तेदारों तथा ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया. इस मौके पर परिजनों ने बड़ी आत्मियता के साथ नत्थूदेवी के पैरों को अपने हाथों से धोया.
पेड़ पौधे लगाना का भी कार्य बीते कई वर्षों से कर रही हैं
बिश्नोई समुदाय को पर्यावरण संरक्षण और जीव जंतुओं के प्रति हो रही हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए अग्रणी माना जाता है. नत्थू देवी बिश्नोई ने बताया की वह आसपास के क्षेत्र में पेड़ पौधे लगाना का भी कार्य बीते कई वर्षों से कर रही हैं. जीव जंतुओं के प्रति हिंसा को रोकने के लिए लोगो को जागरुक भी कर रही हैं. तन पर भले ही झुर्रियां पड़ी हो लेकिन जज्बा आज भी मानवता के नाते कर्म पथ पर अग्रसर होने का है.
अच्छा खान-पान शुद्ध वातावरण अमृत समान
आज की जीवनशैली को देखते हुए अगर कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी के 70 बसंत भी देख लेता है तो उसे गनीमत समझा जाता है. लेकिन नत्थू देवी बिश्नोई ने अपनी जिंदगी का ना सिर्फ शतक पार किया है बल्कि अभी भी जिंदगी का सफर और तय करने को पूरी तरह से समर्पित हैं. अब ऐसे में सोच सकते हैं कि अच्छा खान-पान शुद्ध वातावरण हर किसी के लिए किसी अमृत से कम नहीं है.
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Tags: Birthday party, Birthday special, Jaisalmer news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : January 02, 2023, 15:04 IST