Home National UP: कैमूर वन प्रभाग में काले हिरण और भालू हुए दोगुना, मिर्जापुर-सोनभद्र में बढ़े चीतल और तेंदुए

UP: कैमूर वन प्रभाग में काले हिरण और भालू हुए दोगुना, मिर्जापुर-सोनभद्र में बढ़े चीतल और तेंदुए

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UP: कैमूर वन प्रभाग में काले हिरण और भालू हुए दोगुना, मिर्जापुर-सोनभद्र में बढ़े चीतल और तेंदुए

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कैमूर वन प्रभाग के मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली जिले के वन क्षेत्रों में बीते दो वर्षों में काले हिरण और भालू की संख्या दो गुनी हो गई है। हलिया रेंज के हर्रा के जंगलों में काले हिरण और चंदौली के चंद्रप्रभा अभयारण्य में भालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। यहीं नहीं सोनभद्र के घोरावल रेंज में भी काले हिरण की संख्या डेढ़ गुनी हो गई है। 

मिर्जापुर,सोनभद्र व चंदौली प्रदेश का यह सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। तीनों जिलों में चार लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि कैमूर वन क्षेत्र काले हिरण के निवास स्थल के लिए सूबे में मशहूर है। हर्रा के जंगल में काले हिरण की संख्या बढ़ कर 452 हो गई है। वहीं घोरावल रेंज में काले हिरण की संख्या 150 से बढ़ कर 310 हो गई है। चंदौली के चंद्रप्रभा अभयारण्य में कभी आठ से दस भालू हुआ करते थे। अब इनकी संख्या 25 हो गई है। इसके अलावा मिर्जापुर के मड़िहान और हलिया के जंगलों में भी भालू की संख्या में इजाफा हो रहा है। 

सुरक्षा से आहार तक की व्यवस्था

कैमूर वन प्रभाग के डीएफओ अरविंद कुमार यादव का कहना है कि दो वर्ष पूर्व कैमूर वन प्रभाग के हर्रा और सोनभद्र के घोरावल रेंज में काले हिरण की संख्या में वृद्धि के लिए योजना तैयार की गई। इस योजना के तहत काले हिरण की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्र में वाच टावर बनवाया गया है। वन कर्मी शिकारियों पर उसी से नजर रखते है। वहीं बेहतर आहार के लिए हरे चारा की व्यवस्था की गई। 

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जगह-जगह की पानी की व्यवस्था

चंद्रप्रभा अभयारण्य गर्मी के दिनों में भी काले हिरण को हरा चारा मिलता रहे इसके लिए पानी वाले स्थानों पर गर्मी में उगने वाली घास की बुवाई कराई जाती है। वहीं पीने के पानी के लिए वन क्षेत्र में छोटे-छोटे पक्के गड्ढ़े बनवा कर उसी में टैंकर से पानी की आपूर्ति होती है। 

वर्ष 2022 की गणना में वन्य जीवों की संख्या

वन विभाग की ओर से कराई वन्य जीवों की गणना में गुलदार तेंदुआ 3, चिंकारा 123, घड़रोज 174, सांभर 101, भालू 104 , सुअर 266, बंदर 445, लंगूर 335, मगर 3, भेड़िया 3, लकड़बग्घा 55, लोमड़ी 102, सियार 175, मोर 150 शाही की संख्या 68 थी।

प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर, दिनेश सिंह ने कहा कि चंद्रप्रभा अभ्यारण्य में भालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले छह वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 327 हो गई है। जंगली जानवरों के लिए वन क्षेत्र का अनुकूल वातावरण तो है पर कम बरसात के चलते पीने के पानी का अभाव है।  नदी ,नाले ,डैम और चुआंड़ो का पानी सूखने के कगार पर पहुंच गया है।

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