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UPPCS Success story: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन 17 और 18 फरवरी 2024 को 60244 पदों के लिए किया गया था। जिसके बाद ये परीक्षा चर्चा में बनी हुई है। ऐसे में आज हम आपको यूपी पुलिस के एक कांस्टेबल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने UPPCS-2023 में सफलत हासिल कर SDM का पद हासिल किया है। आइए जानते हैं कौन हैं ये शख्स।
हर कोई बड़ा सपना देख सकता है, लेकिन कुछ ही ऐसे होते हैं, जो अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अपने सपने को पूरा कर लेते हैं। हम बात कर रहे हैं यूपी पुलिस के पूर्व कांस्टेबल दीपक सिंह के बारे में। हम सभी जानते हैं कि पुलिस की नौकरी कितनी कठिन होती है और इसमें पढ़ाई करने का पर्याप्त समय भी नहीं मिल पाता है, लेकिन दीपक सिंह ने अपने शेड्यूल को मैनेज करते हुए UPPCS की तैयारी की और इस परीक्षा का रैंक 20 के साथ पास करके दिखाया। उनके साथियों ने बताया, जब दीपक कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे, उस दौरान उन्हें कभी भी काम से गायब होते नहीं देखा, चाहे वह रात की ड्यूटी हो या दिन की ड्यूटी। आपको बता दें, उन्होंने अपने 5वें प्रयास में UPPCS की परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया है।
ऐसे शुरू हुआ था दीपक सिंह का सफर
दीपक सिंह शुरू से ही देश की सेवा करने का भाव अपने मन में रखा करते थे। जिसके बाद उन्होंने पुलिस में भर्ती होने के लिए आवेदन किया और साल 2018 में, वह एक कांस्टेबल के रूप में यूपी पुलिस में शामिल हुए। कांस्टेबल के पद पर एक साल काम करने के बाद दीपक सिंह ने साल 2019 में UPPCS की तैयारी शुरू कर दी थी। फिर साल 2020 में उन्होंने UPSC CSE की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
साल 2019 में दीपक ने UPPCS का पहला प्रयास दिया था। जिसमें वह सफल नहीं हो पाए थे। फिर उन्होंने साल 2020, 2021 और 2022 में UPPCS की परीक्षा दी, लेकिन वह तीनों बार असफल रहे। किसी परीक्षा में 4 बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पांचवी बार परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया। पांचवें प्रयास में सालों की मेहनत काम आई और रैंक 20 के साथ इस परीक्षा में सफलता हासिल की।
वहीं जहां तक यूपीएससी की बात है तो उन्होंने 2020 और 21 में दो प्रयास दिए थे, लेकिन असफल रहे। हालांकि, उन्होंने 2022 में JRF और UGC नेट में क्वालिफाई किया था।
कांस्टेबल के पद पर रहते हुए कैसे की थी तैयारी
दीपक सिंह ने बताया, मैं जानता था कि UPPCS जैसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के पूरा समय चाहिए, लेकिन नौकरी के साथ इतना समय मिलना संभव नहीं हो पाता था, लेकिन मैं उस दौरान नींद से समझौता करता था और किसी भी तरह अपना वीकली टारगेट पूरा करता था। उन दिनों रोजाना में 4 से 5 घंटे की पढ़ाई करने में कामयाब रहता था।