Thursday, March 13, 2025
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UP: यमुना में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट को हरी झंडी, महाकुंभ से पहले इतनी सीटों का रेस्त्रां चलेगा


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प्रयागराज में यमुना में फ्लोटिंग रेस्तरां शुरू करने को हरी झंडी मिल गई है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में बुधवार को गांधी सभागार में प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड बोर्ड की बैठक में फलोटिंग रेस्तरां के साथ 40-40 सीटों वाले दो बड़ी बोट चलाने को भी स्वीकृति दी गई है। महाकुम्भ-2025 से पहले यमुना बैंक रोड स्थित त्रिवेणी होटल के सामने यमुना की लहरों पर फ्लोटिंग रेस्तरां का संचालन शुरू जाएगा।

फ्लोटिंग रेस्तरां और बोटों की खरीद पर पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड फ्लोटिंग रेस्तरां और आधुनिक नावों की खरीद का बजट देगा। पर्यटन विभाग के अधीन साल के नौ महीने रेस्तरां और नावों का संचालन होगा। बाढ के तीन महीने सभी बोट को सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा। फ्लोटिंग रेस्तरां खोलने से पहले संबंधित विभागों से एनओसी ली जाएगी। बैठक के बाद मंडलायुक्त ने बताया कि फ्लोटिंग रेस्तरां और बड़ी बोट के संचालन से शहर में पर्यटन बढ़ेगा। इसके लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। 

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पर्यटन विभाग ने फ्लोटिंग रेस्तरां और बड़ी नावें संचालन करने की निविदा निकाली थी। तब इस योजना के बारे में उच्चाधिकारियों को जानकारी नहीं थी। यमुना में फ्लोटिंग रेस्तरां शुरू करने का समाचार आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने सात फरवरी को प्रकाशित किया था। इसकी जानकारी होने के बाद मंडलायुक्त ने पूरी योजना को स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में रखने का निर्देश दिया था। प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य अधिशासी अधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि योजना देखने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू करने की स्वीकृति दी गई।

एक महीने में शुरू होगा रिंग रोड का काम

रिंग रोड का काम एक महीने के भीतर शुरू हो जाएगा। बुधवार को मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता बैठक हुई। इस दौरान काम में विलंब के बारे में मंडलायुक्त ने जानकारी ली। एनएचएआई परियोजना निदेशक पंकज मिश्र ने बताया कि 195 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। अभी जमीन नहीं मिली है। मंडलायुक्त ने प्रशासन के अफसरों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि 195 हेक्टेयर जमीन में से 120 हेक्टेयर का अधिग्रहण हो चुका है। इसका भुगतान किया जा रहा है। पूरी जमीन के लिए 500 करोड़ रुपये मुआजवा दिया जाना है। मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि एक महीने में इस काम को कराकर जमीन एनएचएआई को सौंपी जाए। पहले चरण में 29.5 किलोमीटर का काम होना है।



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