Home Education & Jobs UP Board Result : सुबह घर-घर डालता है अखबार, शाम में केमिस्ट की दुकान पर काम, लाया 92 फीसदी मार्क्स

UP Board Result : सुबह घर-घर डालता है अखबार, शाम में केमिस्ट की दुकान पर काम, लाया 92 फीसदी मार्क्स

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UP Board Result : सुबह घर-घर डालता है अखबार, शाम में केमिस्ट की दुकान पर काम, लाया 92 फीसदी मार्क्स

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यूपी बोर्ड 12वीं में स्व. हरिप्रसाद सिंगरौर आवासीय इंटर कॉलेज के छात्र प्रतीक कुशवाहा ने बांदा जिले में 10वीं रैंक प्राप्त की है। प्रतीक ने 500 में से 463 अंक यानी 92.60 फीसदी अंक हासिल किए। प्रतीक के पिता राजनारायण की बीते वर्ष फरवरी में बीमारी से मौत हो गई थी। बबेरू कस्बा स्थित सुंदरकुआं इलाके में किराए का कमरा लेकर अपनी मां शकुंतला, बड़ी बहन और छोटे भाई प्रशांत के साथ रहता है। घर खर्च के लिए प्रतीक और प्रशांत सुबह अखबार बेचते हैं। इसके बाद प्रतीक एक मेडिकल स्टोर में काम करता है।

फेरी लगाने वाली की बेटी ने किया कमाल

यूपी बोर्ड 12वीं परीक्षा परिणाम में प्रदेश में छठवीं रैंक प्राप्त शहर के अतर्रा चुंगी की अनुराधा गुप्ता ने जनपद का मान बढ़ाया है। आईएएस बनकर देश सेवा की तमन्ना रखने वाली इस बेटी ने 96.4 प्रतिशत अंक अर्जित किए। पिता गांव-गांव कपड़े की फेरी लगाते हैं। सुख सुविधाओं के अभाव में भी इस बेटी ने जिले को गौरान्वित करने का काम किया है। सरस्वती बालिका इंटर कालेज की मेधावी छात्रा अनुराधा गुप्ता ने बताया कि लगन से ही हौसलों को उड़ान मिलती है। सच्ची लगन के साथ की गई मेहनत कभी बेकार नहीं होती। बताया कि आठ से दस घंटे कड़ी मेहनत से पढ़ाई की। आगे यूपीएससी तैयारी करनी है।

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ईंट-भट्ठा मजदूर के बेटे ने जिले में पाई 7वीं रैंक

ईंट-भट्ठा मजदूर के बेटे ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में मुरादाबाद जिले में की टॉप टेन सूची में सातवां स्थान पाया है। इतना ही नहीं, उसका एक भाई 2018 में टॉप टेन की सूची में भी शामिल रहा है। बिलारी के गांव फतेहपुर नत्था निवासी ईंट-भट्ठामजदूर सत्यपाल सिंह का छोटा बेटा हरीश यादव देवेंद्र पाल इंटर कॉलेज में पढ़ाई करता है। घर की आर्थिक स्थिति नाजुक है। मां विद्यावती पढ़ी-लिखी नहीं। चार भाइयों में तीसरे नंबर के हरीश के घर में सिर्फ एक कमरा है। हरीश के मुताबिक आर्थिक स्थिति खराब होने पर भी उसके पिता ने किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी और पूरा सहयोग दिया।

आईआईटी करना चाहता है शिवम

बिलारी। देवेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिले की दसवीं की टॉप टेन सूची में आठवां स्थान पाने वाले फतेहपुर नत्था के शिवम यादव का लक्ष्य बेहतर पढ़ाई करके आईआईटी करना है। फतेहपुर नत्था निवासी तलब सिंह यादव के बेटे शिवम यादव ने जिले की सूची में आठवां स्थान पाया तो परिवार में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया। शिवम घर से प्रतिदिन 10 किलोमीटर साइकिल से कॉलेज पहुंचता है। तलब सिंह नोएडा में जॉब करते हैं। मां संतोष देवी गृहिणी हैं। जबकि बड़े भाई रोदास और बहन गीता स्नातक कर चुके हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं लेकिन मेहनत और लगन के बल पर शिवम आगे चलकर आईआईटी करना चाहता है।

ई-रिक्शा की बेटी ने पाये 94.17 फीसदी अंक

मेहनत व लगन ही सफलता की इबारत लिखते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया सरस्वती विद्या मंदिर गुलाबबाड़ी की वैष्णवी सैनी ने। हाईस्कूल की टॉप टेन लिस्ट में आने वाली वैष्णवी ने 600 में से 565 नंबर हासिल किए। 94.17 फीसद अंक लाने वाली वैष्णवी के पिता राजीव सैनी ई-रिक्शा चलाते हैं। आर्थिक परेशानियों को नजर अंदाज करते हुए उन्होंने बिटिया की शिक्षा पर हमेशा फोकस किया और उस पर ध्यान दिया। एक्स्ट्रा क्लास हो या तैयारियों के लिए किताबें, उन्होंने किसी तरह की कमी नहीं होने दी। वैष्णवी ने हिंदी में 97, अंग्रेजी में 97, मैथ 97, ड्राइंग में 96, साइंस में 85 व सोशल साइंस में 83 नंबर हासिल किए। परिवार में मां जगवती और दो भाई-बहन हैं। वैष्णवी कहतीं हैं कि पिता ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

इलेक्ट्रीशियन की बेटी ने लहराया परचम

मुरादाबाद। हाईस्कूल में जिले में दूसरा स्थान लाने वाली आंचल सैनी ने कठिन परिस्थितियों का सामना किया। लगन, कठिन परिश्रम के कारण उन्हें विश्वास था कि वे बेहतर कर सकेंगी। आंचल के पिता राजपाल पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं। घर की माली हालत बहुत अच्छी न होने के बावजूद उन्होंने पढ़ाई पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी। कमजोर आर्थिक हालत को ही अपनी ताकत बनाकर संसाधनों के अभाव में यह सफलता उन्होंने हासिल कर ली। खुशी के कारण उनके पिता राजपाल के आंखों से आंसू छलक आए।

अभाव में रहकर रिंकू ने की थी पढ़ाई

बिलारी, संवाददाता। जनपद की टॉप टेन सूची में आठवां स्थान हासिल करने वाले देवेंद्र पाल इंटर कॉलेज के छात्र रिंकू ने अभावों में रहकर संघर्ष के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की। गांव बकैनिया चांदपुर निवासी राजपाल सिंह खेती किसानी करते हैं। उनके बेटे रिंकू ने अभावों के साथ संघर्ष करके पढ़ाई पूरी की। घर में बिजली का कनेक्शन तो है मगर इन्वर्टर नहीं है, यदि बिजली जाती है तो उसका इंतजार करना पड़ता था। रिंकू के पिता बीकॉम पास हैं ,जबकि भाई यशवीर सिंह ने इसी कॉलेज से इंटर पास किया। घर से कालेज की दोनों ओर से दूरी 28 किलोमीटर है। यह दूरी साइकिल से रिंकू रोजाना तय किया करता था।

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