
[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
UP MLC Election: उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस चुनाव में टिकटों की खरीद फरोख्त नहीं चली है। छोटे दल जिनको लेकर चर्चाएं थी कि ये अपने कोटे का टिकट बेच देंगे ऐसा कुछ नहीं दिखा। सुभासपा और रालोद ने राजनीतिक शुचिता का ख्याल रखा और पार्टी के नेताओं को उच्च सदन भेजने का टिकट पकड़ाया।
सुभासपा अध्यक्ष मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने विच्छेलाल राजभर का नामांकन कराया है। विच्छेलाल राजभर पार्टी के पूर्वांचल अध्यक्ष हैं। पार्टी प्रवक्ता अरुण राजभर के मुताबिक कार्यकर्ता को एमएलसी का टिकट देकर नामांकन कराया है। विच्छेलाल राजभर सामान्य परिवार से हैं और साईकिल से चलते हैं। रालोद ने योगेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में यह 386 मतों से चुनाव हारे थे। 2022 में रालोद से इन्होंने नामांकन कर दिया था लेकिन बाद में सपा ने किसी और प्रत्याशी को खड़ा कर दिया, जिससे यह चुनाव नहीं लड़ सकें। पार्टी से लंबे समय से जुड़े हुए नेता हैं। अद (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने खुद नामांकन किया है।
सपा-भाजपा ने भी दी संगठन को तरजीह
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बलराम यादव व किरण पाल कश्यप के साथ ही सपा में आए गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाया है। ये तीनों अपने क्षेत्र में सपा के बड़े नेता हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में इन नेताओं की बड़ी भूमिका है। सत्ताधारी भाजपा ने पार्टी संगठन के पदाधिकारियों व बड़े नेताओं को उच्च सदन में भेजने के संकल्प को दोहराया है। संगठन के बड़े नेता विजय बहादुर पाठक, डॉ. महेंद्र कुमार सिंह, अशोक कटारिया, मोहित बेनीवाल, धर्मेंद्र सिंह, रामतीरथ सिंघल तथा संतोष सिंह का नामांकन कराया है। इनमें से अधिकांश नेता पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
[ad_2]
Source link