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UP Police Constable Exam: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में कथित पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ अभ्यर्थी परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विरोधी दलों ने भी इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘एक्स पर अपनी पोस्ट में इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। साथ ही सीबीआई जांच की मांग की है।
भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों को शुक्रवार को शाम छह बजे तक ई-मेल से साक्ष्यों व प्रमाणों के साथ अपना प्रत्यावेदन देने का मौका दिया था। बोर्ड का कहना है कि वह प्रत्यावेदन का परीक्षण करने के बाद अभ्यर्थियों के हित में फैसला लेगा। इस बीच अभ्यर्थियों के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को भर्ती बोर्ड के अधिकारियों से मुलाकात की और ज्ञापन दिया। उनका कहना है कि ज्ञापन के साथ प्रश्नपत्र लीक होने के साक्ष्य भी दिए गए हैं। अभ्यर्थियों के अनुसार बोर्ड ने जांच के बाद उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा-‘लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक पुलिस भर्ती पेपर लीक को लेकर युवा सड़कों पर हैं और वहां से मात्र 100 किमी दूर वाराणसी में प्रधानमंत्री युवाओं के नाम पर युवाओं को ही बरगला रहे हैं। ठेठ बनारसी अंदाज में कहें तो मोदीजी नानी को ननिहाल का हाल सुना रहे हैं।
उधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में दो अलग-अलग पोस्ट की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यूपी में भर्ती विधान पेश किया था, जिसमें पेपर लीक और भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के प्रावधान रखे गए थे। पेपर लीक संकट को देखते हुए हमारी मांग है कि ◾️हाल में हुई दोनों पेपर लीक की घटनाओं की सीबीआई जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि एक परीक्षा कैलेंडर जारी हो जिसमें विज्ञापन, परीक्षा व नियुक्ति की तारीखें दर्ज हों और इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाए।
भर्तियों के साथ आरक्षण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सामाजिक न्याय पर्यवेक्षक नियुक्त हों, युवाओं का भरोसा बहाल करने के लिए सभी परीक्षाओं के फॉर्म नि:शुल्क किए जाएं और परीक्षा देने के लिए युवाओं को फ्री बस और ट्रेन मुहैया कराई जाए। प्रियंका गांधी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि बस एक बार सोच कर देखिए-50 लाख से अधिक युवाओं ने फॉर्म भरा। ये प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा थी। एक फार्म 400 रुपये का था, 48 लाख एडमिट कॉर्ड जारी हुए और परीक्षा के पहले पेपर लीक हो गया। क्या बीत रही होगी बच्चों पर? उनके परिवारों पर? ऐसा ही आरओ परीक्षा में हुआ। पेपर लीक हो गया। उन्होंने कहा कि यूपी के एक-एक गांव में यह चर्चा हो रही है। सरकार सो रही है।
लड़के-लड़कियां इलाहाबाद से लखनऊ तक चीख-पुकार-प्रदर्शन कर रहे हैं और री-इक्जाम की मांग कर रहे हैं। सरकार उन्हें अपमानित कर रही है, लाठियों से पिटवा रही है। आखिर कौन कराता है ये पेपर लीक? कैसे होता है ये पेपर लीक? चांद-मंगल पर जाने वाला हमारा देश एक फुलप्रूफ परीक्षा नहीं करा सकता?
आपको बता दें, 17 और18 फरवरी को यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसके बाद पेपर लीक होने के खबरें सोशल मीडिया पर फैल रही है।