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एसटीएफ की पूछताछ में डॉक्टर शुभम मंडल ने कई खुलासे किए। आरोपी ने बताया कि उसके दोस्त बिट्टू ने ही उसे सीलबंद बक्सों को खोलना सिखाया था। इतना ही नहीं, दोनों दोस्त वर्ष 2017 में नीट परीक्षा का पेपर लीक कराने में जेल भी जा चुके हैं। बिट्टू का परिचय पहले से हर नकल कराने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्री से था और उसने ने डॉ. शुभम मंडल और रवि की मुलाकात कराई थी। रवि को बताया था कि कोई काम हो तो शुभम को बताना, वह तुरंत कर देगा। इसके बाद रवि ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आउट कराने के लिए पटना से अहमदाबाद बुलाया था।
शुभम मंडल ने बताया कि बिट्टू निवासी पटना उसका बचपन का दोस्त है। बिट्टू बड़ी सफाई से बक्सों को पीछे की तरफ से कब्जे हटाकर खोल देता है। इस काम के लिए वह पेचकस, प्लास और बड़े सुए का इस्तेमाल करता है। रवि ने एक दिन फोन किया और व्हाट्सएप पर उन बक्सों के फोटो भेजे, जिनमें सील लगाकर यूपी पुलिस भर्ती के लिए प्रश्नपत्र रखे हुए थे। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के लिए शुभम फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचा था।
नालंदा मेडिकल कॉलेज से किया एमबीबीएस
एसटीएफ एसपी ने बताया कि गिरफ्तार हुए आरोपी डॉ. शुभम मंडल ने 2021 में नालंदा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। वर्तमान में वह संविदा पर पीएचसी बरारी जनपद कटिहार बिहार में बतौर चिकित्सक नियुक्त है।