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UP Police SI Exam: यूपी पुलिस एसआई भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने के राज खुल रहे हैं। 12 नवंबर 2021 से दो दिसंबर 2021 के बीच आयोजित दरोगा भर्ती ऑनलाइन परीक्षा में नकल के लिए 15-15 लाख रुपये में ठेके उठे थे। परीक्षा आयोजित कराने वाली एनएसईआईटी कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियों की परीक्षा केंद्र वालों से सेटिंग थी। नकल अकल से नहीं कराई गई। चार से पांच मिनट में ही 40 प्रश्नों के जवाब दिए गए। जबकि अन्य अभ्यर्थियों को काफी समय लगा। कंप्यूटर ने स्क्रीनिंग के दौरान यह खेल पकड़ लिया। मुकदमों में गुरुवार को परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी के क्लस्टर हेड विनायक शर्मा सहित चार आरोपियों को जेल भेजा गया था। शुक्रवार को मुकदमे में आधा दर्जन को वांछित किया गया है। आरोपियों में कंपनी के कर्मचारी और परीक्षा केंद्र के कर्मचारी शामिल हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
थाने में दो मुकदमे दर्ज कराए थे:
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ के पुलिस अधीक्षक हफीजुर रहमान ने सिकंदरा थाने में दो मुकदमे दर्ज कराए थे। पांच अभ्यर्थियों को इसमें आरोपित बनाया गया था। दो युवतियां भी आरोपियों में शामिल थीं। सिकंदरा पुलिस ने अभ्यर्थी अक्षय को जेल भेजा था। अन्य राहत के लिए हाईकोर्ट चले गए थे।
खेत बेचकर दी थी रकम
विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपित युवती से संपर्क किया। एटा निवासी युवती नीतू ने पुलिस को बताया कि परीक्षा में नकल के लिए उससे 15 लाख रुपये मांगे गए थे। उसने खेत बेचकर आधी रकम दे दी थी। आधी रकम चयन के बाद देनी थी। पुलिस को जांच के दौरान यही भी पता चला कि पहले पंद्रह लाख ही मांगे जाते थे। बाद में दस लाख रुपये तक में सौदा पक्का किया जाता था।
पुलिस को इनकी है तलाश
सिकंदरा पुलिस को दरोगा भर्ती ऑनलाइन परीक्षा में नकल कराने के मामले में एनएसईआईटी कंपनी के अंकित भाटिया, केंद्र व्यवस्थापक दिनेश पाल, अमित सोनी, कक्षी निरीक्षक रितिक यादव अनूप कुमार, यशपाल आदि की तलाश है। पुलिस ने बताया कि धांधली में ये भी शामिल थे।
ऐसे खुले नकल के राज
अक्षय मलिक का सेंटर यश इंफोटेक में था। एक दिसंबर 2021 को उसने सुबह नौ बजे से 11 बजे के बीच परीक्षा दी थी। ऑनलाइन परीक्षा के सीआरएल (कैंडिडेट रेस्पोंस लॉग) तथा कैंडिडेट एक्जाम डे परफोरमेंस रिपोर्ट की समीक्षा की गई। तथ्य प्रकाश में आया कि न्यूमेरिकल एंड मेंटल एबिलिटी टेस्ट विषय के 40 प्रश्नों में से 29 प्रश्नों के सही उत्तर चार मिनट 32 सेकेंड में दिए गए थे। जिसमें उन प्रश्नों को पढ़कर उत्तर देने का समय शामिल था। प्रति प्रश्न सही उत्तर देने का औसत 9.37 सेकेंड निकलकर आया था। माना गया था कि यह असामान्य व अस्वाभाविक है। गणित के प्रश्नों का उत्तर देने में उसने पांच सेकेंड से कम समय लिया था।