UP Top 10 News Today: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विद्यार्थियों को जल्द ही नि:शुल्क ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जाएगी। फिलहाल, इसके लिए लखनऊ, कानपुर नगर तथा गोरखपुर के 10 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को प्रयोग के तौर पर चयन किया गया है। उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों के मेयर पद के चुनावी नतीजों की बात करें तो सबसे ज्यादा वोट लखनऊ की भाजपा प्रत्याशी सुषमा खरकवाल को मिले। लेकिन सबसे बड़ी हार-जीत गाजियाबाद में हुई। जानें अन्य नगर निगम का क्या रहा हाल। यूपी निकाय चुनाव में सपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऐसे में अब मिशन 2024 के लिए अखिलेश यादव नई रणनीति की तलाश में लगे हैं।
पढ़ें यूपी की टॉप-10 खबरें-
1- यूपी के ग्रामीण छात्रों को मिलेगी नि:शुल्क ऑनलाइन शिक्षा, इनका हुआ चयन
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विद्यार्थियों को जल्द ही नि:शुल्क ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जाएगी। फिलहाल, इसके लिए लखनऊ, कानपुर नगर तथा गोरखपुर के 10 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को प्रयोग के तौर पर चयन किया गया है। कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी विषय की निःशुल्क ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
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2-मेयर चुनाव में गाजियाबाद में सबसे बड़ी, मुरादाबाद में सबसे छोटी हार-जीत, देखें 17 नगर निगमों में कौन कितने वोटों से जीता
उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों के मेयर पद के चुनावी नतीजों की बात करें तो सबसे ज्यादा वोट लखनऊ की भाजपा प्रत्याशी सुषमा खरकवाल को मिले। लेकिन सबसे बड़ी हार-जीत गाजियाबाद में हुई। गाजियाबाद से मेयर पद की भाजपा प्रत्याशी सुनीता दयाल को 3 लाख 50 हजार 905 और बसपा की निसारा खान को 63 हजार 249 वोट मिले। लखनऊ में मेयर प्रत्याशी सुषमा खरकवाल को प्रदेश में सबसे ज्यादा 5 लाख 2660 मत मिले।
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3-क्या योगी का ट्रिपल इंजन सरकार का नारा चुनाव में कर गया काम? आगरा में 70 में से 58 जीती भाजपा
आगरा शहर की सरकार पर भाजपा एक बार फिर से काबिज हुई है। मेयर को बंपर जीत मिली है तो वहीं पार्षदों के मामले में भी भाजपा ने बढ़त हासिल की है। भाजपा की रणनीतिकारों का मानना है कि इस चुनाव में जीत विकास के मुद्दे पर मिली है। भाजपा ने ट्रिपल इंजन सरकार का जो नारा दिया था उस पर जनता ने विश्वास किया और पार्टी को बंपर समर्थन दिया। भारतीय जनता पार्टी नगर निगम के सभी 100 वार्डों पर प्रत्याशी उतारे थे।
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4-यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी ने कैसे दर्ज की ऐतहासिक जीत?क्यों नहीं टिक पाया विपक्ष
निकाय चुनाव में भाजपा ने शनिवार को नया इतिहास रच दिया। पूरब से पश्चिम तक पार्टी का जादू चला। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में क्लीन स्वीप के साथ पार्टी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। सरकार और संगठन की इस साझा कदमताल से भाजपा शहरों में ट्रिपल इंजन सरकार बनाने में सफल रही है जबकि नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी पार्टी को बड़ी सफलता मिली है।
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5-यूपी निकाय चुनाव में अखिलेश यादव कहां चूक गए? न पुराने दावे काम आए न नए जुमले
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी के सारे मंसूबे ध्वस्त हो गए। न सपा की अपनी सरकार में कराए गए कामों के प्रचार का असर दिखा न ही नए वायदे जुमलों का। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरने की कोई कोशिश नहीं छोड़ी लेकिन भाजपा के आक्रामक प्रचार अभियान व डबल इंजन की सरकार के असर के आगे सपा की कोई रणनीति काम नहीं आई।
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6-यूपी निकाय चुनाव में मुस्लिम मतों का बिखराव रोकने में चूक गया विपक्ष, मिशन 2024 के लिए चुनौती
नगर निकाय चुनावों के नतीजों में जो तस्वीर उभरी है, वह यूपी में मिशन-2024 की तैयारी में जुटे विपक्ष के लिए बड़ा सबक और चुनौती है। नतीजों से साफ है कि पश्चिमी यूपी में मुस्लिम मतों का विभाजन तीनों दलों मुख्यतः बसपा, सपा और एआईएमआईएम के बीच हुआ है। लब्बोलुआब यह कि विपक्ष एक बार फिर मुस्लिम मतों के बिखराव रोकने में चूक गया। इन पार्टियों के सत्तारूढ़ होने में मुस्लिम मतों के भारी भरकम वोट प्रतिशत की अहम भूमिका रहती है।
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7-UP Nikay Chunav Result: शहरों की सरकार चलाने वाले नए महापौरों में 50 फीसदी करोड़पति, 12.5 प्रतिशत दागी भी
उत्तर प्रदेश के शहरों की सरकार चलाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले नगर निगमों के नव निर्वाचित महापौरों में 50 प्रतिशत करोड़पति हैं। राज्य निर्वाचन आयोग से शनिवार को मिले आंकड़ों के अनुसार इस बार 17 नगर निगमों के जीते महापौरों में 62.5 प्रतिशत पुरुरूष और 37.5 प्रतिशत महिलाएं हैं। शैक्षिक स्थिति की बात करें तो ज्यादातर महापौर ठीक-ठाक पढ़े लिखे हैं। इन जीते हुए महापौरों में 50 प्रतिशत स्नातक हैं तो 37.5 प्रतिशत पोस्ट ग्रेज्यूएट भी हैं।
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8-रामपुर ने दुल्हन को मुंह दिखाई में दी चेयरमैन की कुर्सी, नवविवाहिता ने चला दी झाड़ू
रामपुर की आवाम का फैसला चौंकाने वाला आया। पालिका चुनाव में भाजपा और सपा को नाकार नई नवेली दुल्हन सना खान को मुंह दिखाई में चेयरमैन की कुर्सी दे दी। आनन-फानन में पहली बार सियासी पिच पर उतरीं खान ने भाजपा प्रत्याशी तो शिकस्त देकर जीत हासिल कर ली। कांग्रेस की लंबे समय तक सेवा करने वाले मामून शाह खां पार्टी के टिकट से पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ने का सपना सजोए हुए थे। लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने टिकट नहीं दिया। नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत में रामपुर सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई। चूंकि मामून शाह खां कुंवारे थे, लिहाजा उनहोंने आनन-फानन में निकाह की रस्म अदायगी कर सना खान को अपनी शरीके हयात बना लिया।
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9-एटा में बागियों ने की भाजपा के किले में सेंध, खेल बिगाड़ा, बीजेपी वालों ने ही दिखाया पार्टी वालों को आइना
एटी की छह नगर पंचायतों में से भाजपा सिर्फ एक ही नगर पंचायत पर चुनाव जीत सकी। एक सीट बसपा के खाते में गई। जबकि चार सीटों पर भाजपा के बागियों ने निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के हाथ से सीट छींन ली। टिकट वितरण करते समय भाजपा जनता का मूड नहीं भांप सकी। ऐसे में भाजपा के खाते से नगर पंचायत अध्यक्ष पदों की संख्या कम हो गई। तीन बार से अध्यक्ष को निर्दलीय ने हरा दिया। टिकट के वितरण के समय से ही भाजपा में अंदरखाने लड़ाई चल रही थी
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10-हर हार के साथ सपा को जीत की नई उम्मीद, मिशन 2024 के लिए नई रणनीति की तलाश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार तंज करते हुए ट्वीट किया। कहा कि कर्नाटक का संदेश ये है कि भाजपा की नकारात्मक, सांप्रदायिक, भ्रष्टाचारी, अमीरोन्मुखी, महिला-युवा विरोधी, सामाजिक-बँटवारे, झूठे प्रचारवाली, व्यक्तिवादी राजनीति का ‘अंतकाल’ शुरू हो गया है। ये नये सकारात्मक भारत का महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार व वैमनस्य के ख़िलाफ़ सख़्त जनादेश है।
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